आशाबेन ने थामा भाजपा का दामन, हार्दिक के खिलाफ लड़ सकती हैं लोकसभा चुनाव

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक तौर पर सक्रिय हो रहे हार्दिक पटेल को भाजपा ने एक बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल की करीब रही राज्य की पूर्व कांग्रेस विधायक पूजाबेन पटेल ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है।

AshaBen Patel joined bjp and will contest election against Hardik patel in Gujarat

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक तौर पर सक्रिय हो रहे हार्दिक पटेल को भाजपा ने एक बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल की करीब रही राज्य की पूर्व कांग्रेस विधायक पूजाबेन पटेल ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा आशाबेन पटेल को हार्दिक पटेल के खिलाफ आगामी चुनाव में लोकसभा का प्रत्याशी बनाएगी। हार्दिक पटेल के कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है।

गुजरात में पाटीदारों समाज का गढ़ कहे जाने वाले उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले की ऊंझा सीट से हाल ही में कांग्रेस और विधानसभा से इस्तीफा देने वाली पूर्व कांग्रेस विधायक डॉ. आशाबेन पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इस खबर को माय नेशन ने पहले ही प्रकाशित कर दिया था कि पूजाबेन पटेल भाजपा का दामन थामेंगी और भाजपा उन्हें हार्दिक पटेल के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाएगी। आज उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थाम कर कांग्रेस को बडा झटका दिया है। उन्होंने हाल ही में विधानसभा से इस्तीफा दिया था। हालांकि कांग्रेस ने उन्हें भाजपा में जाने से रोकने के लिए कई वरिष्ठ नेताओं को लगाया था। लेकिन मौजूदा राजनीति का मिजाज समझते हुए पूजा ने भाजपा का दामन थामने में बेहतरी समझी।AshaBen Patel joined bjp and will contest election against Hardik patel in Gujarat

आशा को भाजपा में शामिल करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में पाटीदारों के बीच हार्दिक की काट के तौर पर देखा जा रहा है। आशा को हार्दिक का करीबी माना जाता है। जो कांग्रेस को राज्य में समर्थन दे रहे हैं और भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। आशा बेन सवर्ण आरक्षण को लेकर नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं। आशा बेन पटेल ने एक दिन पहले ही गुजरात कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। हार्दिक को कांग्रेस का करीबी माना जाता है और कहा जा रहा है कि हार्दिक आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं या फिर कांग्रेस उन्हें पीछे से समर्थन दे सकती है।

आशा बेन पटेल का विधानसभा सीट से इस्तीफा तो स्वीकार हो चुका है और इससे कांग्रेस को विधानसभा में नुकसान तो ही रहा है। लेकिन आगामी चुनाव में भी पार्टी को भी जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस पूरी तरह से आशा बेन को भाजपा में जाने से रोकना चाहती है। लेकिन उनका भाजपा में शामिल होना तय है और पार्टी उन्हें हार्दिक के खिलाफ खड़ा करना चाहती है। विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस को समर्थन दिया था और जिसे कारण राज्य में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। आशा बेन पटेल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के केंद्र के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं।

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