पिछले साल से ऑटोमोबाइल उद्योग में छायी मंदी का लाभ अब कार और बाइक खरीदने वाले ग्राहकों को मिल सकता है। आगामी कुछ महीनों में इसका फायदा वाहन खरीदारों को मिलेगा।
पिछले साल से ऑटोमोबाइल उद्योग में छायी मंदी का लाभ अब कार और बाइक खरीदने वाले ग्राहकों को मिल सकता है। आगामी कुछ महीनों में इसका फायदा वाहन खरीदारों को मिलेगा। इस उद्योग में मंदी के कारण कार कंपनियां और ज्यादा छूट ग्राहकों को देने की योजना बना रही हैं। वहीं डिस्काउंट को बढ़ा कर कंपनियों ग्राहकों को लुभाना चाहती हैं।
असल में पिछले साल सितंबर से ही ऑटोमोबाइल उद्योग में मंदी है। इसके कारण कार और बाइक की बिक्री में असर पड़ा है। लिहाजा पिछले साल दिसंबर तक उद्योग ने अन्य सालों की तुलना में ज्यादा छूट दी। अभी भी कंपनियों के पास खासा स्टॉक बचा हुआ है। जिसके कारण आने वाले कुछ और दिनों में खरीदारों को कम कीमत पर वाहन मिल सकते हैं। यही नहीं कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए कुछ गिफ्ट की ऑफर कर सकती हैं। ऑटोमोबाइल डीलरों की एसोसिएशन के के मुताबिक कंपनियों के पास स्टॉक होने के कारण सबसे ज्यादा डिस्काउंट दिसंबर 2018 दिया गया। जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी तक था।
लेकिन वर्तमान में भी हाल वैसा ही है। बजट के बाद बाजार में कोई बदलाव नहीं आया है। लिहाजा उद्योग को डिस्काउंट फरवरी तक जारी रखने पड़े। अब स्टॉक बढ़ने के कारण कार और बाइक खरीदारों के लिए डिस्काउंट दिया जा सकता है। इसके मार्च के तीसरे सप्ताह से शुरू होने की उम्मीद है। उदयोग जगत का मानना है कि बैंकों के द्वारा ब्याज कम न करने, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत और लोकसभा चुनाव को देखते हुए बाजार में फिर सकारात्मक रूख देने को नहीं मिला है। वहीं आईआरडीए के तीन साल का बीमा एक साथ कराने के नियम की वजह से भी बिक्री पर असर पड़ा है। क्योंकि इसके तहत सीधे तीन साल का बीमा ग्राहक से ही लिया जा रहा है।
जिसके कारण उसके जेब पर असर पड़ रहा है। इस कारण वाहन खरीदते वक्त 30 हजार रुपए तक का अतिरिक्त बोझ ग्राहक पर पड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी में पिछले साल की जनवरी के सापेक्ष बिक्री में 1.87% की कमी आई। त्योहारों में भी उम्मीद के मुताबिक बिक्री नहीं हुई थी। लिहाजा इस कारण गाड़ियों का बड़ा स्टॉक जमा हो गया है। बाजार का जानकारों का कहना है कि अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में बिक्री की रफ्तार धीमी रह सकती है। इस वजह से भी कार निर्माताओं और डीलरों के ऊपर डिस्काउंट बढ़ाने का दबाव है।
मिल रहा है डिस्काउंट
डीलर्स और कार निर्माता कंपनियां ग्राहकों को 70 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दे रही हैं। वहीं आठ लाख रुपए तक के ऑटो लोन पर पहले दो साल के लिए शून्य ब्याज का भी ऑफर है। लेकिन अब कंपनियां अपने डिस्काउंट को बढ़ा सकती हैं। ताकि ग्राहकों को लुभाया जा सके।