राफेल मामलाः आप सांसद संजय सिंह की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा; कार्रवाई भी करेंगे

By Gopal KFirst Published Mar 6, 2019, 3:37 PM IST
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संजय सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद सिर्फ एक समीक्षा याचिका बची है। इसे यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दायर किया है। 

सुप्रीम कोर्ट के राफेल डील पर दिए गए फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में महत्वपूर्ण सुनवाई चल रही है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जहां रक्षा मंत्रालय से कुछ महत्वपूर्ण फाइलें चोरी होने की बात कही गई, वहीं एफ-16 लड़ाकू विमान का भी जिक्र हुआ। इस  बीच, कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से दाखिल समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। अब सिर्फ एक समीक्षा याचिका बची है। इसे यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दायर किया है। इससे पहले, अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि राफेल से जुड़े रक्षा मंत्रालय से कुछ फाइलें चोरी हुईं हैं। 

भोजनाकवाश के बाद दोपहर 2 बजे दोबारा सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने आप सांसद द्वारा कोर्ट पर की गईं अपमानजनक टिप्पणियों पर कड़ा रुख अपनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसले के बारे में उनके द्वारा दिए गए बयान बहुत ही अपमानजनक हैं। कोर्ट ने कहा, पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद अपमानजनक बयानों के लिए संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन उससे पहले संजय सिंह को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा। 

उधर, सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया कि जिन दस्तावेजों पर वकील प्रशांत भूषण भरोसा कर रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं। राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने वाला सरकारी गोपनीयता कानून के तहत और अदालत की अवमानना का दोषी है। इस पर चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह भोजनावकाश के बाद यह बताएं कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेजों के चोरी होने पर क्या कार्रवाई की गई? 

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा सरकारी गोपनीयता का हवाला देने पर बेंच ने पूछा, 'अगर राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार हुआ हो तो क्या तब भी सरकार सरकारी गोपनीयता अधिनियम की आड़ ले सकती है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि कोई भ्रष्टाचार हुआ है, लेकिन मान लीजिए कि अगर ऐसा हुआ हो तो सरकार इसकी आड़ नहीं ले सकती।' अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि जिन लोगों ने रक्षा दस्तावेजों को प्रकाशित किया, उन्हें कोर्ट को यह बताना चाहिए कि उन्हें ये दस्तावेज कहां से मिले थे। 

इससे पहले, सुनवाई शुरू होने पर प्रशांत भूषण ने बेंच से कहा, 'कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर सुनवाई ही नहीं की गई। हमने सीबीआई के सामने शिकायत की थी। एजेंसी से रिपोर्ट तक नहीं मांगी।' जब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को नया दस्तावेज देने की कोशिश की, तब कोर्ट ने साफ कहा, 'हम किसी भी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे।' चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रशांत भूषण को सुनने का यह अर्थ नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट राफेल डील के दस्तावेजों को रिकॉर्ड में ले रहा है। 

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