डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी संकल्प, प्रायश्चित और गणेश पूजा कर 7 दिनों तक बतौर मुख्य यजमान अपने दायित्वों को पूरा करेंगे और भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा में भी मौजूद रहेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान गृहस्थ ही हो सकते हैं। इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
अयोध्या/वाराणसी। अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच अब तक कहा जा रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के मुख्य यजमान होंगे। अब कहा जा रहा है कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी मुख्य यजमान होंगी। यह दावा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े लोगों का है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा का मुहुर्त निकालने वाले पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के साथ रामानंद संप्रदाय के स्वामी रामविनय दास ने यह बात कही है।
डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी होंगे मुख्य यजमान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी संकल्प, प्रायश्चित और गणेश पूजा कर 7 दिनों तक बतौर मुख्य यजमान अपने दायित्वों को पूरा करेंगे और भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा में भी मौजूद रहेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के मुख्य यजमान गृहस्थ ही हो सकते हैं। इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हालांकि पीएम मोदी को प्रतीकात्मक यजमान मानने से गुरेज भी नहीं कर रहे हैं। उधर, अनिल मिश्रा की तरफ से बताया जा रहा है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भगृह में मौजूद रहेंगे दंपत्ति
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ, गवर्नर आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के साथ डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी भी मौजूद रहेंगी। 6 दिन तक चलने वाली प्राण प्रतिष्ठा की पूजा में मिश्रा दंपत्ति पीएम मोदी के प्रतिनिधि के रूप में सारी विधिया कराएंगे। कार्यक्रम के सातवें दिन खुद पीएम मोदी शामिल होंगे। वह गर्भगृह में कुशा और श्लाका खींचने का काम करेंगे। उसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
गृहस्थ ही प्राण-प्रतिष्ठा पूजा में हो सकता है शामिल
गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का कहना है कि यजमान को पत्नी के साथ प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होना होता है। मतलब साफ है कि कोई गृहस्थ ही इस पूजा में शामिल हो सकता है। पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के साक्षी होंगे। मुख्य यजमान नहीं। 2020 में भी जब राम मंदिर शिलान्यास हुआ था। उस समय भी मुख्य यजमान डॉ. रवींद्र नारायण सिंह और उनकी पत्नी थीं।
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