कोरानावायरस को रोकने में मदद कर सकती हैं आयुष की दवाएं,सोशल मीडिया में छिड़ी बहस

By Team MyNationFirst Published Jan 29, 2020, 6:45 PM IST
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आयुष मंत्रालय के तहत सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की बैठक के बाद इस  एडवाइजरी को जारी किया गया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि इस वायरस के रोकथाम के लिए अभी तक दुनिया में कोई दवा मौजूद नहीं है। 

नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने घातक कोरोनावायरस के लिए आयुष की दवाओं को लाभकारी बताया है। चीन में इस वायरस का खतरनाक प्रभाव देखा जा रहा है। इसके लिए आयुष मंत्रालय ने बुधवार को इसके लिए एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय का कहा है कि पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों- होम्योपैथी, आयुर्वेद, और यूनानी- की दवाएं इस बीमारी की रोकथाम के लिए प्रभावी हो सकती हैं।

आयुष मंत्रालय के तहत सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की बैठक के बाद इस  एडवाइजरी को जारी किया गया है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि इस वायरस के रोकथाम के लिए अभी तक दुनिया में कोई दवा मौजूद नहीं है। डब्लूएचओ का कहना है कि कोई विशिष्ट इलाज या टीका इस बीमारी के लिए नहीं बना है। इस बीमारी में तेजी से सांसों का इंफेक्शन होता है। यह वायरस अब तक 132 लोगों को मार चुका है और चीन में कम से कम 6,000 लोगों को प्रभावित करता है।

आयुष मंत्रालय ने सिफारिश की है कि संक्रमण के खिलाफ रोकथाम के लिए होम्योपैथिक दवा आर्सेनिकम 30 को तीन दिन तक रोजाना खाली पेट लिया जा सकता है। एडवाइजरी में कहा गया है कि इस महीने के बाद भी उसमें असर कम होता है तो इस दवा को एक महीने और दवा दी जानी चाहिए। मंत्रालय का कहना है कि यह भी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी है और इसकी रोकथाम के लिए सलाह इस दवा से करने की सलाह दी गई है।

इसके अलावा एडवाइजरी में मंत्रालय ने कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं, युनानी काढ़े और घरेलू उपचारों के जरिए भी इस बीमारी से रोकथाम की जा सकती है। वहीं इससे रोकथाम के लिए स्वच्छता,साबुन और पानी से हाथ धोना, आंखों, नाक और मुंह को अनजाने हाथों से छूने से बचना चाहिए। वहीं खांसी या छींकने के दौरान चेहरे को ढंकने की सलाह दी है।

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