लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में अभी तक अन्य दलों के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में अभी तक अन्य दलों के साथ गठबंधन नहीं हो पाया है। वहीं गुजरात में कांग्रेस को विधायकों के छोड़ने से लगातार झटका लग रहा है। राज्य में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी होने वाली है और उससे पहले दो विधायक भाजपा के खेमें में चले गए हैं।
इस महीने की 12 तारीख को कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिण गुजरात में हो रही है। राज्य में कई सालों के बाद पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी कर रही है। लेकिन पार्टी के भीतर राज्य में विधायकों में असंतोष चल रहा है। कांग्रेस के विधायक भाजपा का दामन थाम रहे हैं। पिछले महीने ही कांग्रेस की विधायक आशा बेन पटेल ने भाजपा की सदस्यता ली है और अब मनावर से विधायक जवाहर चावड़ा थंगधारा विधायक परसोतम सावरिया ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन दोनों विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ली है।
उधर विधायक अल्पेश ठाकोर के भी राज्य में कांग्रेस छोड़ने की जबरदस्त चर्चा है। ऐसा कहा जा रहा है कि अल्पेश को राज्य में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव के करीब आते-आते गुजरात कांग्रेस बिखरती नजर आ रही है। कांग्रेस के बड़े नेता अहमद पटेल गुजरात में डेरा डाले हुए हैं ताकि विधायकों के पार्टी छोड़ने के लिए मनाया जा सके। असल में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में बगावत हो रही है।
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं का आरोप है कि उन्हें पार्टी में सम्मान नहीं मिल रही है। उधर भाजपा को छोड़ने वाले परसोतम सबारिया ने मीडिया से कहा कि मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया गया है, मैंने इस्तीफा दे दिया है। सबारिया ने साफ कहा कि उन्हें अपने क्षेत्र का विकास करना है और इसलिए मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं।
गौरतलब है कि 12 मार्च को कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति की बैठक होनी है। पिछले साल ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुवंरजी बावलिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद उन्हें गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।