आप कल्पना कर सकते हैं कि जब जुकाम का इलाज गर्म सरिए से किया जाए...वह भी तब जब पीड़िता एक महीने की मासूम हो। राजस्थान में ठीक ऐसा ही हुआ। एक महीने की मासूम के जुकाम का इलाज तपते लाल सुर्ख सरिए से किया गया।
भीलवाड़ा। आप कल्पना कर सकते हैं कि जब जुकाम का इलाज गर्म सरिए से किया जाए...वह भी तब जब पीड़िता एक महीने की मासूम हो। राजस्थान में ठीक ऐसा ही हुआ। एक महीने की मासूम के जुकाम का इलाज तपते लाल सुर्ख सरिए से किया गया। नतीजतन, मासूम की हालत इतनी खराब हो गई कि वह रोते रोते बेहोश हो गई। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस को भी मामले की जानकाीर दी गई है। पूरा मामला भीलवाड़ा जिले के फूलियां कला के पनोतिया गांव का है।
क्या है मामला?
दरअसल, पनोतिया गांव के रहने वाले रामदास और सोनिया के घर महीने भर पहले किलकारी गूंजी। इधर, मौसम में बदलाव का समय चल रहा है। जिसकी वजह से एक महीने की मासूम बच्ची मामूली जुकाम से पीड़ित हो गई। निमोनिया के भी लक्षण दिखाई देने लगें। बच्ची का पिता रामदास किसी काम से बाहर गया हुआ था। बीती रात सोनिया मासूम को लेकर अस्पताल के लिए निकली। पर उसे अस्पताल न ले जाकर एक तांत्रिक के पास जा पहुंची। तांत्रिक ने भी कुछ मंत्र पढकर मासूम के पेट, पीठ और अन्य जगहों पर गर्म सरिया लगा दिया। फिर सोनिया मासूम को लेकर घर आ गई।
गर्म सरिए से जलाया तो बिगड़ने लगी तबियत
गर्म सरिए से जलाने की वजह से मासूम की तबियत सही होने के बजाए बिगड़ने लगी। वह घंटों रोती रही। आसपास के रहने वाले मासूम को अस्पताल ले गए। जहां से बच्ची को जिला अस्पताल रेफर किया गया। मौजूदा समय में बच्ची गंभीर हालत में आईसीयू में एडमिट है। बीत रात वह रोते रोते बेहोश हो गई थी। अब बच्ची होश में नहीं आ रही है।