राजस्थान के जयुपर से एक हैरतअंगजे मामला सामने आया है, जो युवक अपनी वाइफ के मर्डर के आरोप में 12 साल सलाखों के पीछे रहा। उसी युवक के मामले में हाईकोर्ट ने तथ्यों को जांचा तो पता चला कि युवक निर्दोष है। पर उसे निर्दोष साबित होने में पूरे 22 साल लग गए।
जयपुर। राजस्थान के जयुपर से एक हैरतअंगजे मामला सामने आया है, जो युवक अपनी वाइफ के मर्डर के आरोप में 12 साल सलाखों के पीछे रहा। उसी युवक के मामले में हाईकोर्ट ने तथ्यों को जांचा तो पता चला कि युवक निर्दोष है। पर उसे निर्दोष साबित होने में पूरे 22 साल लग गए। मामले में उच्च न्यायालय ने सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि जिस आदमी ने अपनी पत्नी खो दी। बच्चों से नहीं मिल सका। उसे दोषी बना दिया गया। कोर्ट ने युवक को मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने और युवक को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
महिला उत्पीड़न कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा
दरअसल, जयपुर के गलता गेट क्षेत्र के रहने वाले इकबाल की पत्नी की मई 2011 में जलने की वजह से मौत हो गई। पत्नी के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने इकबाल को आरोप बनाया और पत्नी की हत्या का आरोप मढ़ा। नतीजतन, युवक इकबाल को जेल जाना पड़ा। महिला उत्पीड़न कोर्ट ने इकबाल को मई 2016 में उम्र कैद की सजा भी सुना दी। उसी फैसले के खिलाफ इकबाल के परिवार ने हाईकोर्ट का दरवाज खटखटाया।
हाईकोर्ट ने कर दिया बरी, 25 लाख मुआवजा भुगतान के भी आदेश
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पंकज भंडारी की बेंच ने अब आरोपी युवक इकबाल के पक्ष में फैसला सुनाया है। पर इस दौरान इकबाल की बेगुनाही साबित होने में पूरे 12 साल गुजर गए। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक तरफ पीड़ित ने अपनी पत्नी को खोया। अपने 3 बच्चों से दूर हो गया। पीड़ित के बच्चे भटकते रहें। उसे ही आरोपी बनाया गया। फिलहाल कोर्ट ने युवक को रिहा करने और सरकार को युवक को 25 लाख का मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया।