कोई डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं, तो इन कंपनियों के माध्यम से पेमेंट होती है। इस डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए कमीशन इन विदेशी कंपनियों को मिलता है। इसके जवाब में भारत ने रुपे कार्ड निकाला है। जिससे इन कंपनियों का बिजनेस खत्म हो रहा है।
नई दिल्ली— भारत का स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड रुपे कार्ड की धमक दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड रुपे कार्ड ने भारत में शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं, अब भारत के बाहर भी इसकी शुरुआत होने जा रही है।
भारत के पड़ोसी देश भूटान सरकार ने भी रुपे कार्ड को अपने यहां लॉन्च करने का फैसला किया है। इसकी जानकारी भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में दी।
दरअसल, बाजार में मास्टरकार्ड और वीजा कार्ड ही रुपे कार्ड के मुख्य प्रतिद्वंदी हैं। मास्टरकार्ड और वीजा कार्ड अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल पेमेंट कंपनियां हैं।
आप जब भी कोई डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हैं, तो इन कंपनियों के माध्यम से पेमेंट होती है। इस डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए कमीशन इन विदेशी कंपनियों को मिलता है। इसके जवाब में भारत ने रुपे कार्ड निकाला है।
जिससे इन कंपनियों का बिजनेस खत्म हो रहा है। सरकारी अनुमान के अनुसार, भारत में कार्ड के द्वारा एक साल में 6 लाख करोड़ रुपए के डिजिटल ट्रांजेक्शन होते हैं।
रुपे कार्ड भारत का स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड है। इसे वीजा व मास्टर कार्ड की तरह प्रयोग किया जाता है। अभी देश में भुगतान के लिए वीजा व मास्टर कार्ड के डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड प्रचलन में हैं।
ये कार्ड विदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित है। रुपे कार्ड को अप्रैल 2011 में विकसित गया था। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने विकसित किया था।
रुपे कार्ड मार्च 2012 में लॉन्च हुआ था। उसने अपने क्रेडिट कार्ड का काम जून 2017 में ही शुरू किया था। रुपे कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर 90 पैसे कमीशन देना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक तौर पर रुप् को खूब बढ़ावा दिया है।