प्याज को लेकर आई बड़ी खबर, सबसे बड़ी मंडी में गिरी 1000 रुपये कीमत

By Team MyNationFirst Published Nov 3, 2020, 7:47 PM IST
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बाजार के जानकारों का कहना है प्याज की कीमत तेजी से जमीन पर आ रही हैं और सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव में प्याज के थोक भाव में गिरावट आई है। एक दिन पहले ही जो प्याज 6191 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा था वह आज 1000 रुपये प्रति क्विंटल कम हो गया है।

नई दिल्ली। प्याज ने जहां आम लोगों की दिक्कतों में इजाफा कर दिया है। वहीं सरकार भी प्याज की कीमतों को लेकर हलकान है। लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही देश में प्याज की कीमत कम हो सकती है और इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। क्योंकि देश की सबसे बड़ी मंडी में प्याज की कीमत 1000 रुपये गिरी है और माना जा रहा है कि नई फसल के आने के कारण प्याज की कीमत और गिरेगी और प्याज आम लोगों की थाली में नजर आएगा।

बाजार के जानकारों का कहना है प्याज की कीमत तेजी से जमीन पर आ रही हैं और सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक की लासलगांव में प्याज के थोक भाव में गिरावट आई है। एक दिन पहले ही जो प्याज 6191 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा था वह आज 1000 रुपये प्रति क्विंटल कम हो गया है। यहां पर प्याज की कीमत 53 सौ रुपये के करीब पहुंच गई है। उनका कहना है कि मंडी में प्याज के दूसरे प्रकार सर्वसाधारण 4100 रुपये और खराब प्याज 1500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है। लिहाजा इसका असर आने वाले दिनों में खुदरा मूल्य में भी  देखने को मिलेगा। हालांकि देश के कई हिस्सों में 80-90 रुपये के बीच मिल रहा है। वहीं थोक भाव में तेज गिरावट के बाद खुदरा मूल्य में कमी आएगी। इसके साथ ही सरकार की कोशिश है कि प्याज की कीमतें दिवाली से पहले पहले काबू में आ जाएं।

हालांकि इससे पहले सरकार ने प्याज की कीमत को कंट्रोल में रखने के लिए प्याज पर स्टॉक लिमिट 25 टन कर दी थी। हालांकि इसका असर ज्यादा बाजार पर नहीं देखने को मिला जबकि नैफेड ने 1 लाख टन प्याज बाजार में भेजना शुरू कर दिया है। क्योंकि सरकार ने प्याज की  कीमतों को नियंत्रण रखने के लिए पिछले साल ही इसके लिए स्टॉक बनाने का फैसला किया था। वहीं नेफेल ने देश में प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए 15 हजार टन लाल प्‍याज के आयात का टेंडर निकाला है। पिछले दिनों ही सरकार ने प्याज की कीमत को थामने के लिए सितंबर में ही निर्यात पर रोक लगाई थी।  हालांकि जिन्होंने पहले करार किया था। उन्होंने देश से बाहर प्याज का निर्यात किया।

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