जानकारी के मुताबिक आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ कमेटी ने कोरोना संक्रमण को लेकर अपने अध्ययन के नतीजों का खुलासा किया। वहीं उनका कहना है कि फरवरी 21 तक कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ पार हो जाएगी जो वर्तमान में 66 लाख के करीब हैं।
नई दिल्ली। फिलहाल देश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। हालांकि देश कोरोना के मामलों की संख्या अन्य देशों की तुलना में कम नहीं है। वहीं अब एक बड़ी खबर कोरोना पर नजर रख रहे वैज्ञानिकों की तरफ से आई है। देश के वैज्ञानिक संस्थानों का कहना है कि अगले साल फरवरी तक कोरोना महामारी नियंत्रण में आ जाएगी। हालांकि तब तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ पार हो जाएगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि तब तक नए संक्रमणों की संख्या कुछ हजारों तक पहुंच जाएगी।
जानकारी के मुताबिक आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ कमेटी ने कोरोना संक्रमण को लेकर अपने अध्ययन के नतीजों का खुलासा किया। वहीं उनका कहना है कि फरवरी 21 तक कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ पार हो जाएगी जो वर्तमान में 66 लाख के करीब हैं। वहीं उनका दावा है कि देश में फरवरी तक महामारी संक्रमण तक नियंत्रण पाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जनताकोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करे।
उनका कहना है कि देश में अब तक 30 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। वहीं आईसीएमआर का दावा है कि ये आंकड़ा सात फीसदी था लेकिन अगस्त अंत तक ही 14 फीसदी संक्रमित हो चुके थे। कमेटी का कहना है कि लॉकडाउन कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर बना और ये नहीं किया जाता तो जून में 1.40 करोड़ सक्रिय लक्षणों वाले मरीज सामने आ सकते थे और अगस्त तक 26 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो सकती थी। वहीं इस अध्ययन के मुताबिक अगर देश में लॉकडाउन न लगाया जाता तो देश में अगले साल फरवरी तक 2.04 करोड़ संक्रमित होते।
वहीं कमेटी का कहना है कि प्रवासी श्रमिकों की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना नहीं फैला। इसके लिए कमेटी ने उत्तर प्रदेश और बिहार में विशेष रूप से अध्ययन किया, क्योंकि इन राज्यों में ही सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे। हालांकि उन्हें क्वारंटीन करना पड़ा था। लेकिन हालांकि कमेटी की रिपोर्ट में कहा इस बात की चेतावनी दी गई है कि त्योहारों एवं संर्दियों के चलते संक्रमण बढ़ सकता है। इसके साथ ही कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब बड़े लाकडाउन अब प्रभावी नहीं होंगे।