असल में कोरोना संकटकाल मे देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी लेकिन अब कोरोना संकट के बीच लंबे समय बाद देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक अक्टूबर में कारों की बिक्री में इजाफा हुआ है इसके कारण जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
नई दिल्ली। कोरोना संकटकाल के बाद अब देश की अर्थव्यवस्था उबर रही है। क्योंकि कोरोना संकट के बीच अक्टूबर में देश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के संकेत मिले हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि अगले साल की शुरूआत से देश के आर्थिक हालत सुधरने शुरू हो जाएंगे। इसके एक तरह देश के औद्योगिक विकास होगा वहीं देश के बेरोजगारों को नौकरियां मिलेंगी।
असल में कोरोना संकटकाल मे देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी लेकिन अब कोरोना संकट के बीच लंबे समय बाद देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छी खबर आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक अक्टूबर में कारों की बिक्री में इजाफा हुआ है इसके कारण जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी भारतीय बाजार में निवेश किया है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार भी नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। देश में कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था नीचे आ गई थी।
लेकिन अब इसके संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। वहीं बाजार के जानकारों का कहना है कि त्योहारी सीजन के कारण बाजार में अच्छी मांग है। हालांकि जानकारों का कहना है कि इस मांग को थामे रखना मुश्किल है। क्योंकि अभी भी देश के हालात ज्यादा नहीं सुधरे हैं। हालांकि अर्थव्यवस्था के उभरने के संकेत इस बात से भी देखे जा सकते हैं कि क्योंकि जीएसटी कलेक्शन फिर से 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। पिछले महीने कुल जीएसटी कलेक्शन 1,05,155 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। वहीं सरकार ने इस दौरान सेस के तौर पर 8,011 करोड़ रुपये वसूला। बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना संकटकाल में लोगों ने घर बैठे-बैठे नया रिकॉर्ड बनाया है।
पिछले महीने ही यूपीआई ट्रांजैक्शंस ने 200 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया है और अब तक 3.3 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों ने ही पिछले महीने इक्विटी मार्केट्स में 7,000 करोड़ रुपये की रकम का निवेश किया है जबकि इस वर्ष अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 80,174 करोड़ रुपये का निवेश किया है। विदेशी निवेशकों ने 31,826 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीदारी की जबकि 24,879 करोड़ रुपये मूल्य के बांड्स की बिकवाली भी की है। वहीं देश का कोष 560.532 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया। जबकि आईएमएफ के पास जमा देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.66 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंच गया है।