औरंगाबाद जिले की एक महिला थानाध्यक्ष को अपने पति की गलत हरकतों की वजह से थानेदार गंवानी पड़ी। औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम थाना प्रभारी किरण कुमारी को सस्पेंड कर दिया।
औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले की एक महिला थानाध्यक्ष को अपने पति की गलत हरकतों की वजह से थानेदार गंवानी पड़ी। औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम थाना प्रभारी किरण कुमारी को सस्पेंड कर दिया।
थानेदार के पति का वीडियो वायरल होने के बाद मचा हड़कंप
वर्ष 2018 बैच की सब इंस्पेक्टर किरण कुमारी को वर्ष 2023 अगस्त में औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के उपहारा थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। गत 19 फरवरी को थानाध्यक्ष किरण कुमारी के पति विजेंद्र कुमार उनकी सरकारी गाड़ी लेकर बेला गांव गए। वहां लोगों पर पुलिसिया रौब झाड़ने लगे। जिस पर लोगों ने हंगामा कर उन्हें खदेड़ दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
डीसीपी की जांच में आरोप सही पाए जाने पर हुई कार्रवाई
इस संबंध में औरंगाबाद की पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने डीसीपी मुख्यालय नभ वैभव को इस प्रकरण की जांच सौंपी। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद एसपी ने किरण कुमारी की न केवल थानेदारी छीनी, बल्कि उन्हें सस्पेंड भी कर दिया। उनके स्थान पर डीआईयू शाखा में तैनात मनीष कुमार को उपहारा थाने का इंचार्ज बनाया गया है।
29 अगस्त को मिली थी थानेदारी की कमान
गोह प्रखंड के उपहारा थाने की कमान किरण कुमारी को पिछले साल तब मिली थी, जब तत्कालीन थानाध्यक्ष आनंद कुमार गुप्ता हामिदनगर गांव के एक केश में नाम हटाने को लेकर 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए थे। 24 अगस्त की घटना के बाद 29 अगस्त को किरण कुमारी को उपहारा थाने की कमान सौंपी गए थी। 6 महीने भी नहीं बीते थे कि किरण पति की हरकतों की वजह से थानेदारी गवां बैठी और सस्पेंड पर हो गई।
पुलिस वाहन से जाकर बालू कारोबारियो से करता था अवैध वसूली
सब इंस्पेक्टर किरण कुमारी पर संगीन आरोप लगा था कि उनके पति विजेंद्र बेला गांव में गस्ती वाहन से जाकर बालू कारोबारियो से वसूली करते हैं। पैसे नहीं देने पर पुलिसिया लहजे में धमकाते है। इसकी शिकायत होने के बाद एसपी ने जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए गए।
घटना वाले दिन ही एक दर्जन लोगों पर लिखी थी बालू तस्करी की एफआईआर
गौरतलब है कि सब इंस्पेक्टर किरण कुमारी ने 19 फरवरी को ही बेला गांव के एक दर्जन लोगों पर बालू तस्करी एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर का आधार थाने के एक सिपाही के बयान को बनाया गया था। जिसके बाद से ही मामला गरमा गया था।
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