पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नााथ मिश्रा की अंत्येष्टि में राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद थे और पुलिस के जवानों के राइफ़ल से एक गोली फ़ायर नहीं हुई। जानकारी के मातबिक असल राज्य के सुपौल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि के दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे और विधान सभा अध्यक्ष विजय चौधरी मौजूद थे। लेकिन सलामी देने के लिए बंदूकों ने ही धोखा दे दिया।
पटना। बिहार पुलिस की बंदूकें अब महज शो पीस बनकर रह गई हैं। इसका पता इसी बात से चलता है कि पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा की की अंत्येष्टि में सलामी के दौरान एक भी राइफल से गोली नहीं चल पाई। जिसके बाद पुलिस की किरकिरी हो गई है। हालांकि इसके पुलिस के अफसर अब बचकाने तर्क दे रहे हैं। पुलिस का कहना है कि मौसम के कारण बंदूकों से गोली नहीं चल पाई है। स्थिति और भी हास्याप्रद हो जाती है कि जब राज्य के उपमुख्यमंत्री इस अंत्येष्टि में शामिल हों और सलामी न दी जा सके।
राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर जनता की नाराजगी का सामना कर रही बिहार पुलिस बुधवार को एक शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ा जब जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि में सलामी के दौरान एक भी राइफल से गोली नहीं चल पाई। इससे पुलिस पुलिस के हथियारों को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
बिहार में जहां अपराधी एके-47 और एके 56 के जरिए अपराध करते हैं वहीं पुलिस की राइफलें धोखा दे रही है। जाहिर है कि ऐसे में पुलिस किस तरह के अपराधियों का मुकाबले करेगी। इस हास्यास्पद स्थिति से बचने के लिए पुलिस के अफसर ऐसे तर्क दे रहे हैं, जिसको समझ पाना मुश्किल है।
पुलिस के अफसरों का कहा है कि मौसम के कारण हो सकता है कि बंदूकें न चल पाई हों। इस अंत्येष्टि में राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद थे और पुलिस के जवानों के राइफ़ल से एक गोली फ़ायर नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक असल राज्य के सुपौल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि के दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे और विधान सभा अध्यक्ष विजय चौधरी मौजूद थे।
ये देखिए कैसे अपने मुखिया नीतीश कुमार के सामने बिहार पुलिस के जवानो के राइफ़ल से एक गोली फ़ायर नहीं हुआ ।ये मौक़ा था पूर्व मुख्य मंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा की अंत्येष्टि का जहाँ इन्हें सलामी देना था । pic.twitter.com/x6QrkShKGm
— manish (@manishndtv)
लेकिन सलामी देने के लिए बंदूकों ने ही धोखा दे दिया। जिला पुलिस की एक भी बंदूक से फायरिंग नहीं हुई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद जिला पुलिस ने जांच के आदेश दिये हैं।