मिसाइल मैन की जयंती, पूर्व राष्ट्रपति कलाम को पीएम और राष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि

By dhananjay RaiFirst Published Oct 15, 2018, 12:59 PM IST
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बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी कलाम मृदुभाषी थे। उनकी अगुवाई में भारत ने रक्षा क्षेत्र में कई बड़ी उपल्ब्धिया हासिल की। उन्हीं के निर्देशन मे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया।

नई दिल्ली- आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन के नाम से मशहुर भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। कलाम ने भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम को फौलादी और अभेद बनाने का काम किया। बेहद सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी कलाम मृदुभाषी थे। उनकी अगुवाई में भारत ने रक्षा के क्षेत्र में कई बड़ी उपल्ब्धियां हासिल की। उन्हीं के निर्देशन मे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने सबसे घातक और मारक हथियार प्रणालियों का देश में ही विकास किया।

कलाम देश के युवाओं को देश की सच्ची पूंजी मानते थे और बच्चों को हमेशा बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करते थे। पूर्व राष्ट्रपति कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से की थी। अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में निधन हो गया था वे आईआईएम शिलांग में लेक्चर देने गए थे, इसी दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी। उनके 87वें जन्मदिन पर याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने  कहा कि वह एक ‘शानदार प्रेरक’ और महान राष्ट्रपति थे । मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘एक विशिष्ट शिक्षक, एक शानदार प्रेरक, एक अभूतपूर्व वैज्ञानिक और एक महान राष्ट्रपति डा. कलाम प्रत्येक भारतीय के दिल एवं मन में बसते थे । उनकी जयंती पर उनका स्मरण कर रहे हैं । ’’ 

 

An exceptional teacher, a wonderful motivator, an outstanding scientist and a great President, Dr. Kalam lives in the hearts and minds of every Indian. Remembering him on his Jayanti. pic.twitter.com/Ko46nUhXx4

— Narendra Modi (@narendramodi)

अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसलमान परिवार में हुआ। उनके पिता जैनुलअबिदीन एक नाविक थे और उनकी माता अशिअम्मा एक गृहणी थीं। 

उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा। अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए बालक कलाम स्कूल के बाद समाचार पत्र वितरण का कार्य करते थे। 

तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया। उसके बाद वर्ष 1955 में वो मद्रास चले गए वहां उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की। 

पढाई पूरी करने के बाद कलाम ने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक के तौर पर भर्ती हुए। 

1969 में उनका स्थानांतरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में हुआ। यहां वो भारत के सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल परियोजना के निदेशक के तौर पर नियुक्त किये गए थे। 

1963-64 के दौरान उन्होंने अमेरिका के अन्तरिक्ष संगठन नासा की भी यात्रा की। परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना, जिनके देख-रेख में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया।

भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी ‘इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ का प्रारम्भ डॉ कलाम के देख-रेख में किया। वह इस परियोजना के मुख्य कार्यकारी थे। इस परियोजना ने देश को अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें दी है।

जुलाई 1992 से लेकर दिसम्बर 1999 तक डॉ कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सचिव थे। 

 डा. कलाम 1998 में भारत द्वारा किए गए सफल परमाणु परीक्षण करने वाली टीम में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई।

एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियों और प्रसिद्धि के मद्देनज़र एन. डी. ए. की गठबंधन सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया। 

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