इस खास वजह से अब मोदी सरकार के जरुरी बिल सदन में मंजूरी के लिए अटकेंगे नहीं

By Team MyNation  |  First Published Jul 1, 2019, 5:05 PM IST

मोदी सरकार के पहले टर्म में कई अहम बिल राज्यसभा में अनुमति की बाट जोहते रह गए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अब राज्यसभा में भी बीजेपी समर्थक सांसदों की संख्या पहले से बहुत ज्यादा हो गई है। राज्यसभा में एनडीए के कुल सांसदों की संख्या बहुमत से मात्र 8 ही कम रह गई है। 
 

नई दिल्ली: तीन तलाक, मोटर वाहन संशोधिन विधेयक, कंपनी संशोधन विधेयक, नागरिकता अधिनियम, इंडियन  मेडिकल काउंसिल संशोधन विधेयक सहित ऐसे कई कानून हैं, जो राज्यसभा से पास होने का रास्ता देख रहे हैं। 

इसमें महिला आरक्षण विधेयक भी शामिल है। लेकिन अब लगता है कि इन सभी बिलों के पास होने की राह आसान हो रही है। क्योंकि राज्यसभा में बीजेपी के समर्थक सांसदों की संख्या बहुमत के करीब पहुंचती हुई दिख रहा है। 

रविवार तक इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक कुल 245 सदस्यों वाले उच्च सदन में एनडीए(बीजेपी समर्थक) के 111 राज्यसभा सांसद हैं। फिलहाल 10 सीटें खाली हैं, माना जा रहा है कि इनमें से 4 सीटों पर एनडीए के सांसद चुनकर आएंगे। जिसके बाद राज्यसभा में बीजेपी समर्थक सांसदों का आंकड़ा 115 हो जाएगा। 

कुल 245 सीटों के उच्च सदन में बहुमत के लिए 123 सांसदों की जरुरत होती है। इस लिहाज से एनडीए के पास बहुमत से मात्र 8 ही सांसद कम रह जाएंगे। 

हाल ही में तेलुगू देशम पार्टी के 4 सांसदों और इंडियन नेशनल लोक दल के एक सांसद के बीजेपी से जुड़ने से एनडीए को राज्यसभा में बढ़त मिली है।

टीआरएस, बीजेडी और वाईएसआरसीपी जैसी गैर-यूपीए पार्टियां भी बीजेपी के पक्ष में वोट कर सकती हैं। हालांकि तीन तलाक या धारा 370 जैसे मुद्दों पर बीजेपी की सहयोगी जेडीयू का समर्थन उसे शायद नहीं मिल पाए। लेकिन इस स्थिति में यह तीनों पार्टियां राज्यसभा में बीजेपी सरकार के लिए जरुरी बिलों की नैया पार लगा सकती हैं। 

राज्यसभा की 6 सीटों पर 5 जुलाई को चुनाव होना है। इनमें से एक पर बीजेपी की सहयोगी एलजेपी के मुखिया राम विलास पासवान निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इसके अलावा गुजरात की दो सीटें बीजेपी के खाते में जाती दिख रही हैं। ओडिशा में भी तीन सीटों पर इलेक्शन हैं, इनमें से एक बीजेपी और दो बीजेडी के हिस्से जा सकती हैं। 
 

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