भाजपा किसी भी हाल में सदन में 145 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि पार्टी को उम्मीद है कि शिवसेना अपना अड़ियल रूख को बदलेगी। लेकिन शिवेसेना की तरफ से जिस तरह के रूख दिखाया गया है उसके मुताबिक वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ राज्य में सरकार बनाएगी। हालांकि भाजपा और शिवसेना के प्रबंधक इस मामले में लगातार संपर्क में है।
मुंबई। महाराष्ट्र में हालांकि राज्यपाल ने बड़े दल होने के नाते भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के आमंत्रित कर लिया है। लेकिन भाजपा के पास जरूरी बहुमत का आंकड़ा नहीं है। जबकि पार्टी को सोमवार तक सदन में बहुमत सिद्ध करना है। लिहाजा भाजपा कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई है। जिसमें अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
भाजपा किसी भी हाल में सदन में 145 के आंकड़े तक नहीं पहुंच पा रही है। हालांकि पार्टी को उम्मीद है कि शिवसेना अपना अड़ियल रूख को बदलेगी। लेकिन शिवेसेना की तरफ से जिस तरह के रूख दिखाया गया है उसके मुताबिक वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ राज्य में सरकार बनाएगी। हालांकि भाजपा और शिवसेना के प्रबंधक इस मामले में लगातार संपर्क में है। लेकिन शिवसेना सीएम के पद पर दावा नहीं छोड़ना चाहती है। जबकि भाजपा भी सीएम के पद पर अड़ी है।
कल ही राज्यपाल ने भाजपा को राज्य में सरकार बनाने का न्योता दिया था। जिसके बाद ये तय हो गया था कि राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि राज्यपाल सभी दलों को सरकार बनाने का मौका देना चाहते हैं। हालांकि शिवसेना पहले ही आरोप लगा चुकी है कि भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है। गौरतलब है कि शनिवार मध्य रात्रि को महाराष्ट्र की 13वीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो गया है। हालांकि भाजपा सदन में किस तरह से बहुमत साबित करती है। ये देखना दिलचस्प होगा।
हालांकि टूट के डर से शिवसेना के विधायक मुंबई के होटल में ही टिके हुए हैं और देर रात आदित्य ठाकरे ने विधायकों से मुलाकात की। वहीं भाजपा को अन्य दलों से कोई उम्मीद नहीं है। निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के विधायक मौके पर नजर लगाए हुए हैं। ताकि मौका देखकर इस पर फैसला ले सकें। गौरतलब है कि इस बार महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली है। जबकि सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का बहुमत चाहिए।