महज 14 महीने में भाजपा एक बार फिर कार्नाटक में सरकार बनाने जा रही है। इस बाद एक बार फिर बीएस येदियुरप्पा को राज्य की कमान सौंपी जाएगी। क्योंकि इस बार भी इस जीत के नायक वही हैं। राज्य में भाजपा की सरकार बनने से कार्यकर्ता खुश हैं। हालांकि ये भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बड़ी जीत है। क्योंकि अब पार्टी दक्षिण भारत में अपने को मजबूत कर रही है। लिहाजा अब दक्षिण के अन्य राज्यों का रास्ता भी कर्नाटक से होकर जाएगा।
दक्षिण भारत का पहला किला भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर जीत लिया है। दक्षिण भारत का द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में भाजपा फिर सरकार बनाने जा रही है और ऐसा माना जा रहा है शुक्रवार को येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। आज वह दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।
महज 14 महीने में भाजपा एक बार फिर कार्नाटक में सरकार बनाने जा रही है। इस बाद एक बार फिर बीएस येदियुरप्पा को राज्य की कमान सौंपी जाएगी। क्योंकि इस बार भी इस जीत के नायक वही हैं। राज्य में भाजपा की सरकार बनने से कार्यकर्ता खुश हैं। हालांकि ये भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव के बाद बड़ी जीत है।
क्योंकि अब पार्टी दक्षिण भारत में अपने को मजबूत कर रही है। लिहाजा अब दक्षिण के अन्य राज्यों का रास्ता भी कर्नाटक से होकर जाएगा। भाजपा ने जिस तरह के अपने ऑपरेशन लोटस को कर्नाटक में अंजाम दिया उसका असर दक्षिण के अन्य राज्यों में पड़ना शुरू हो जाएगा।
मंगलवार को कुमारस्वामी सरकार सदन में बहुमत सिद्ध नहीं कर पायी। जिसके बाद अब भाजपा को सरकार बनाकर बहुमत सिद्ध करना है। भाजपा के पास 107 विधायक हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और जेडीएस के और भी विधायक भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
फिलहाल येदियुरप्पा शुक्रवार को मुख्यमंत्री के पद की शपथ ले सकते हैं। फिलहाल वह आज दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बड़े नेताओं से मुलाकात करेंगे।
21 दिन चला सियासी संग्राम
राज्य में एचडी कुमारस्वामी सरकार को लेकर चली उठापटक 21 दिन चली और मंगलवार को इसका अंत हो गया है। मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार को महज 99 विधायकों का समर्थन मिला जबकि भाजपा के पक्ष में 105 विधायकों का समर्थन था।
भाजपा ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है और इस बैठक में एक बार फिर बीएस येदियुरप्पा को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। क्योंकि उनके अलावा राज्य में कोई नेता नहीं है मुख्यमंत्री का दावेदार हो। गौरतलब है कि पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी थी।
लेकिन उसके बाद सरकार बनाने का जादुई गणित नहीं था। लिहाजा 56 दिन के बाद सरकार सदन में विधायकों की संख्या के कारण गिर गयी और फिर कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर राज्य में सरकार बनाई।