भारत के साथ तनाव पाकिस्तान को बेहद महंगा पड़ रहा है। वहां की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की कगार पर पहुंचती जा रही है। लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरान इस हकीकत से आंखे मूंदकर बचने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तानी रुपए की कीमत अपने निम्नतम स्तर पर है। हालात इतने खराब हैं कि उनके पास पेट्रोल डीजल खरीदने के भी पैसे नहीं हैं। विदेशी निवेशक पाकिस्तान से लगातार पैसे निकाल रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानियों को अक्ल नहीं आ रही है। वहां भारत से दो दो हाथ करने की आवाजें लगातार तेज होती जा रही हैं।
1. पाकिस्तानी रुपया पहुंचा 140.41 डॉलर पर
जहां भारत में डॉलर की कीमत 65 रुपए के पार जाने पर हाहाकार मच जाता है वहीं पाकिस्तान में डॉलर की कीमत आज सुबह 140.41रुपए पर पहुंच गई है। जबकि गुरुवार को ही ये 139.64 पाकिस्तानी रुपया थी। वहीं दो सितंबर 2018 को पाकिस्तानी मुद्रा की कीमत प्रति डालर की तुलना में 123.07 थी। इसका नतीजा यह है कि पाकिस्तान को कच्चा तेल खरीदने के लिए अपना ज्यादा रुपया खर्च करना पड़ रहा है। क्योंकि पेट्रोलियम के लिए डॉलर में कीमत चुकानी पड़ती है।
2. पाकिस्तान में सोने के दाम आसमान पर
सोने की कीमतें किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का पैमाना माना जाता है। पाकिस्तान में सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहां सोना 70 हजार रुपए तोला(11 ग्राम) के हिसाब से बिक रहा है। किसी देश में सोने की कीमतें बढ़ने का मतलब यह होता है कि उस देश के लोगों का अपनी करेंसी पर से भरोसा उठ गया है। इसलिए वह सोने में निवेश करने लगते हैं, जो कि स्थायी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा मानी जाती है। पाकिस्तान में सोना इसलिए महंगा होता जा रहा है क्योंकि वहां के रुपए की कीमत लगातार गिरती जा रही है।
3. विदेशी निवेशक पाकिस्तान से निकाल रहे हैं पैसा
भारत-पाक तनाव के कारण उपमहाद्वीप पर युद्ध के बादल मंडराने लगे हैं। जिसकी वजह से विदेशी निवेशकों में अपना पैसा डूबने का डर पैदा हो गया है। यही वजह है कि पाकिस्तान में निवेश करने वाले विदेशी निवेशक अपना पैसा वापस निकाल रहे हैं। यह भी एक वजह है कि पाकिस्तान में डॉलर की मांग बेहद ज्यादा बढ़ गई है और वहां का रुपया लगातार गिरते जा रहा है। क्योंकि विदेशी निवेशकों की मांग के मुताबिक वहां के बैंकों को उन्हें विदेशी डॉलर में भुगतान करना पड़ रहा है।
4. पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भंडार न्यूनतम स्तर पर
विदेशी निवेशकों द्वारा अपने पैसे लगातार निकाले जाने से पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का भंडार चिंताजनक स्तर पर नीचे आ गया है। वहां युद्ध की आशंका से पेट्रोल डीजल की अतिरिक्त खरीद की जा रही है। जिससे कि इसका भंडारण किया जा सके। इस कार्य में पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। फिलहाल कच्चे तेल की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के आस पास चल रही हैं। लेकिन इसमें लगातार उछाल देखा जा रहा है। अगर कच्चे तेल की कीमतों में ऐसे ही उछाल बना रहा तो पाकिस्तानी मुद्रा की कीमत 142 रुपए प्रति डॉलर को भी पार कर सकती है। ऐसे में पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर पहुंच जाएगा।
5. पाकिस्तानी शेयर बाजार से लगातार निकल रहा है पैसा
भारत-पाकिस्तान के बीच जंग के हालात का असर वहां के शेयर बाजार पर स्पष्ट दिख रहा है। पाकिस्तान के शेयर बाजार में निवेश करने वाले लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं। जिसकी वजह से वहां का शेयर बाजार लगातार गिरता जा रहा है। पाकिस्तानी निवेशकों ने पिछले दो दिनों में लगभग 9.5(9,41,294) लाख डॉलर के शेयर बेच दिए हैं। जिसकी वजह से वहां के शेयर बाजार में हाहाकार मच गया। हालत इतने खराब हो गए कि वहां कुछ देर के लिए मुद्रा के विनियमन का काम रोक दिया गया।