दिखने लगा है चाइनीज उत्पादों का बहिष्कार, जानें कितने बढ़े मोबाइल एक्सेसरीज के दाम

By Team MyNation  |  First Published Jul 10, 2020, 8:45 AM IST

चीन से आने वाले आयात पर रोक और चीनी उत्पादों के बहिष्कार के कारण देश में अब मोबाइल एक्सेसरीज की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में 80 फीसदी तक मोबाइल एक्सेसरीज जैसे चार्जर, स्क्रीन गार्ड, कवर, केबल चीन से आयात किए जाते हैं।

नई दिल्ली। फिलहाल बाजार में चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार का असर दिखना शुरू हो गया है। बाजार में मोबाइल एक्सेसरीज के कीमतों में 25 फीसदी तक इजाफा हुआ है और माना जा रहा है कि ये जल्द ही दो गुने हो सकते हैं। क्योंकि चीन से माल नहीं आ रहा है और जो माल बाजार में मौजूद है। उसे व्यापारी ऊंचे दामों में बेच रहे हैं। कारोबारियों का कहना है कि आयात ने होने के कारण एक्सेसरीज की  कीमतों में इजाफा हो रहा है। देश में मोबाइल एक्सेसरीज जैसे चार्जर, स्क्रीन गार्ड, कवर 70 से 80 फीसदी आयात चीन से होता हैं।

चीन से आने वाले आयात पर रोक और चीनी उत्पादों के बहिष्कार के कारण देश में अब मोबाइल एक्सेसरीज की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में 80 फीसदी तक मोबाइल एक्सेसरीज जैसे चार्जर, स्क्रीन गार्ड, कवर, केबल चीन से आयात किए जाते हैं। लेकिन अब चीनी उत्पादों के आयात बंद होने के कारण बाजार में इनकी दामों में 20 से 25 फीसदी का इजाफा हो गया है। फिलहाल कई कारोबारियों ने चीन के सामान का ऑर्डर रद्द कर दिया गया है।

वहीं लॉकडाउन के 2 महीने के दौरान भी चीन से सामान का आयात नहीं किया गया। जिसके कारण बाजार में माल उपलब्ध नहीं है। जिसके पास माल उपलब्ध है वह ऊंची कीमत पर बेच रहा है।  कारोबारियों का कहना है कि मोबाइल में जीएसटी बढ़ने और आयात रुकने के कारण मोबाइल 10 से 15 फीसदी तक महंगे हो गए हैं।  वहीं बाजार में मोबाइल एक्सेसरीज की कमी है और कमी के कारण कुछ एक्सेसरीज की कीमत 40 से 50 फीसदी तक बढ़ गई है। 

जरूरी सामान के आयात पर नहीं है केन्द्र सरकार को दिक्कत

पिछले हफ्ते ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देश में जरूरी सामान के आयात पर कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे उत्पादों का आयात नहीं करना चाहिए जिससे घरेलू उत्पादन पर असर बढ़े। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और रोजगार के मौके उत्पन्न होने के लिए अगर चीन से आयात किया जाता है तो इसमें कोई गलत नहीं है।  उन्होंने कहा कि हर साल गणेश च​तुर्थी के मौके पर लोकल कुम्हारों से ही पारंपरिक तौर पर गणेश मूर्ति खरीदा जाता है। लेकिन इस बाजार में चीन उत्पाद आ गए हैं। आखिर हम घरेलू स्तर पर गणेश मूर्ति नहीं बना सकते हैं।

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