बालक नाथ राजस्थान की अलवर सीट से लोकसभा का चुनाव बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने उनकी जीत का ऐलान नहीं किया है। अभी तक बालक नाथ को यहां पर 659021 वोट मिले हैं जबकि भंवर जितेन्द्र सिंह को 365067 वोटी मिले हैं। बालक नाथ और जितेन्द्र सिंह के बीच करीब पचास फीसदी वोटों का अंतर है। जिस तरह के उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी, उसी तरह से राजस्थान में बालक नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर थी।
लोकसभा चुनाव के परिणाम के रूझान तेजी से आ रहे हैं। ज्यादातर सीटों पर पचास फीसदी से ज्यादा मतगणना हो चुकी है। इसी बीच अलवर से खबर आ रही कि वहां पर योगी आदित्यनाथ के भाई बालक नाथ तकरीबन जीत की दहलीज पर पहुंच गए हैं। असल में बालक नाथ योगी से गुरु भाई हैं। क्योंकि वह भी नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं।
बालक नाथ राजस्थान की अलवर सीट से लोकसभा का चुनाव बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग ने उनकी जीत का ऐलान नहीं किया है। अभी तक बालक नाथ को यहां पर 659021 वोट मिले हैं जबकि भंवर जितेन्द्र सिंह को 365067 वोटी मिले हैं। बालक नाथ और जितेन्द्र सिंह के बीच करीब पचास फीसदी वोटों का अंतर है।
जिस तरह के उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी, उसी तरह से राजस्थान में बालक नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर थी। अलवर में बालक नाथ के खिलाफ कांग्रेस के भंवर जितेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। राजस्थान में छह महीने पहले विधानसभा चुनाव कांग्रेस को जीत मिली थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में अलवर में बालक नाथ की जीत काफी अहम है।
क्योंकि अलवर में मुस्लिम की खासी तादात है। महंत चांदनाथ का निधन हो गया, जिसके बाद 2018 की शुरुआत में उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सांसद डॉ करन सिंह यादव ने भाजपा के पूर्व सांसद डॉ जसवंत सिंह यादव को 1,96,496 मतों के भारी अंतर से हरा दिया।
अलवर राजस्थान के मेवात अंचल में आता है और ये अरावली की पहाडियों के मध्य में बसा है। अलवर का प्राचीन नाम 'शाल्वपुर' था। अलवर की 16 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं।