प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने वाले नेता के साथ जाने मायावती ने क्या किया

पार्टी प्रमुख मायावती ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसी भी दल के नेता अथवा व्यक्ति के खिलाफ और पार्टी की रणनीति के बारे में इस तरह की अनधिकृत बयानबाजी करने बचने की सख्त हिदायद दी।

BSP national coordinator Jai Prakash Singh removed bsp

बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने जय प्रकाश सिंह पर कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए की। जय प्रकाश ने प्रधानमंत्री को गब्बर सिंह कहा था। 

मायावती की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पार्टी की राष्ट्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक में यह फैसला किया गया कि अनर्गल’ बयानबाजी बसपा के सिद्धांतों के खिलाफ है। इस कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का फैसला किया गया। 

साथ ही पार्टी प्रमुख मायावती ने ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को किसी भी किसी भी दल के नेता अथवा व्यक्ति के खिलाफ और पार्टी की रणनीति के बारे में इस तरह की अनधिकृत बयानबाजी करने बचने की सख्त हिदायद दी।

राहुल गांधी के खिलाफ बोलने पर गया था पद

जय प्रकाश सिंह ने इससे पहले लखनऊ में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य  बताया था। इतना ही नहीं उन्होंने सोनिया गांधी को विदेशी बताते हुए कहा था कि राहुल अगर अपने पिता की तरह होते तो अच्छा था लेकिन उनके अंदर सोनिया (विदेशी) का गुण है। इस लिए वह प्रधान मंत्री नहीं बन सकते।

कौन हैं जय प्रकाश सिंह?

जय प्रकाश सिंह मायावती के करीबी रहें है। मायावती ने उन्हें बसपा का राष्ठ्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। इसके अलावा उनके पास बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर की भी जिम्मेदारी थी। पहले राहुल गांधी पर टिप्पणी के कारण उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटाया गया था। अब प्रधानमंत्री पर टिप्पणी के बाद उन्हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया।
 

सूत्रों की माने तो इस बैठक में साल के अंत में तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी की तैयारियों का भी जायजा लिया गया। इस  बैठक में बसपा के तीनों राज्यों के पार्टी संयोजक और प्रदेश इकाइयों के नेता भी मौजूद थे।

सूत्रों के अनुसार मायावती ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने और चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही इस बैठक में तय किया गया गया कि चुनाव में गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला बसपा प्रमुख मायावती करेंगी। 

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