आईएएस बी. चंद्रकला के घर सीबीआई का छापा, अखिलेश सरकार के समय का है मामला

By Team MyNationFirst Published Jan 5, 2019, 1:38 PM IST
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अकसर सोशल मीडिया में छाई रहने वाले वाली यूपी कैडर की आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर और कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं. सीबीआई ने ये छापे उनके जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन को लेकर किए हैं. चंद्रकला इस वक्त स्टडीज लीव पर हैं. वह सपा सरकार के दौरान राज्य में ताकतवर अफसरों में शुमार थी.

-सोशल मीडिया में छाई रहती हैं चंद्रकला, सोशल मीडिया में हजारों फालोवर

अकसर सोशल मीडिया में छाई रहने वाले वाली यूपी कैडर की आईएएस अफसर बी. चंद्रकला के घर और कई ठिकानों पर सीबीआई ने छापे मारे हैं. सीबीआई ने ये छापे उनके जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन को लेकर किए हैं. चंद्रकला इस वक्त स्टडीज लीव पर हैं. वह सपा सरकार के दौरान राज्य में ताकतवर अफसरों में शुमार थी.

असल में चंद्रकला के जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन के मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. लिहाजा इसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. लिहाजा इस मामले में अब सीबीआई ने कानपुर, जालौन, हमीरपुर और दिल्ली के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. यूपी में सपा सरकार के दौरान हमीरपुर में हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने आज तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर छापा मारा है. सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक उनके घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं.

सरोजनी नायडू मार्ग स्थित सफायर अपार्टमेंट में रहनेवाली डीएम बी. चन्द्रकला के फ्लैट नंबर 101 में सीबीआई की टीम मौजूद है और फिलहाल कार्रवाई जारी है. फिलहाल शशिकला स्टडीज लीव पर हैं और राज्य में योगी सरकार बनने से पहले ही उन्होंने केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति में जाना बेहतर समझा. उसके बाद कुछ समय रहने के बाद उन्होंने फिर राज्य का रूख किया। लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें कम अहमियत वाले पद पर नियुक्त किया और फिर उन्होंने लंबी स्टडीज लीव ली है. चंद्रकला जहां भी रही हैं वह मीडिया की सुर्खियां बनी रहती हैं। उनके सोशल मीडिया में हजारों की तादात में फॉलोवर हैं.

दरअसल  अखिलेश यादव सरकार में आईएएस बी.चन्द्रकला की पोस्टिंग पहली बार हमीरपुर जिले में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी. आईएएस बी.चन्द्रकला पर आरोप हैं कि साल 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे दिए गए थे. हालांकि इसके लिए ई-टेंडर किए जाने थे, लेकिन चंद्रकला नियमों को तांक में रखते हुए अपने करीबियों को पट्टे दे दिए. याचिकाकर्ता का आरोप है कि, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया. साल 2016 को तमाम शिकायतों और याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद से सीबीआई इस केस की जांच कर रही है. सपा सरकार के दौरान चंद्रकला राज्य की ताकतवर अफसरों में शुमार थी. सपा सरकार में वह ज्यादातर जिलाधिकारी के पद पर ही रही.
 

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