केन्द्र गृहमंत्रालय ने इसके लिए राज्यों को आदेश जारी किए हैं। मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे प्रवासी कामगारों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें ताकि वे अपने जगह न छोड़े। केंद्र ने अलग-अलग राज्यों से पलायन के मद्देनजर लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए उनकी सीमाओं को सील करके लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कहर के बीच विभिन्न राज्यों से अपने अपने मूल स्थानों को पलायन कर रहे प्रवासियों को रोने के लिए सीमाओं को सील करने के लिए कहा है। केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा कि राज्य सरकारें प्रवासियों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें ताकि वह अपने मूल स्थानों को पलायन न करें।
केन्द्र गृहमंत्रालय ने इसके लिए राज्यों को आदेश जारी किए हैं। मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि वे प्रवासी कामगारों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें ताकि वे अपने जगह न छोड़े। केंद्र ने अलग-अलग राज्यों से पलायन के मद्देनजर लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए उनकी सीमाओं को सील करके लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। पिछले कुछ दिनों से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आने वाले प्रवासी श्रमिकों की बढ़ते संख्या को देखते हुए हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद दिल्ली बार्डर में हजारों की संख्या में प्रवासी एकत्रित हो रहे हैं।ताकि वह अपने अपने घरों तक पहुंच चुके हैं। लिहाजा इसके मद्देनजर केन्द्र सरकार ने राज्य और जिला सीमाओं को प्रभावी ढंग से सील करने और केवल आवश्यक सामानों की आवाजाही की अनुमति देने का निर्देश दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक नोटिस जारी किया था। इस बारे में केन्द्र गृहमंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव के मुताबिक केन्द्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रवासी लोगों के आवागमन को रोकने के लिए राज्यों और जिलों की सीमाओं को प्रभावी ढंग से सील करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर जिन्होंने अपने कार्यस्थल को छोड़ दिया है और अपने घर जा रहे थे, उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने की अनुमति दी जाएगी। नियमों के मुताबिक उन्हें 14 दिनों की अवधि के लिए क्वारंटाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों, उपायुक्तों, पुलिस प्रमुखों सहित जिला अधिकारियों की होगी। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य आपदा कोषों के धन का उपयोग फंसे हुए प्रवासियों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था के लिए करने को कहा है।
यही नहीं इसके साथ ही सभी नियोक्ता को अपने कार्यस्थल पर श्रमिकों को तालाबंदी के दौरान पूर्ण मजदूरी का भुगतान करने को कहा है। इसके साथ ही किराये पर रहने वालों को मकान मालिकों द्वारा मकान खाली न करने के लिए कहा है।