केन्द्र ने पीओके पर बढ़ाई पाकिस्तान की मुश्किलें, जेके विधानसभा में गुलाम कश्मीर के लिए आरक्षित होंगी 24 सीटें

By Team MyNation  |  First Published Aug 17, 2019, 9:16 AM IST

फिलहाल इस कदम से पाकिस्तान की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी। क्योंकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद हटाने के बाद गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग भी पीओके को जम्मू कश्मीर में मिलाने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बार पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीओके एसेंबली में भाषण दिया था। जिसमें इमरान खान का डर साफ देखा जा रहा था।

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार बगैर कुछ किए ही पाकिस्तान के अधिकृत वाले गुलाम कश्मीर को लेकर उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा के महासचिव और जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा जम्मू कश्मीर की नई विधानसभा में 24 सीटें पाक अधिकृत वाले गुलाम कश्मीर के लिए छोड़ी जाएंगी। फिलहाल ये खाली रहेंगी। जबकि जम्मू कश्मीर की विधानसभा के लिए 114 सीटें होगी।

फिलहाल इस कदम से पाकिस्तान की मुश्किलें जरूर बढ़ जाएंगी। क्योंकि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद हटाने के बाद गिलगित और बाल्टिस्तान के लोग भी पीओके को जम्मू कश्मीर में मिलाने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बार पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीओके एसेंबली में भाषण दिया था।

जिसमें इमरान खान का डर साफ देखा जा रहा था। यही नहीं इमरान के पीओके दौरे के दौरान वहां पर इमरान खान गो बैक के नारे भी लगे और लोगों ने अपना विरोध भी जताया। फिलहाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और जम्मू -कश्मीेर के प्रभारी महासचिव राम माधव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीार को लेकर जो विधेयक तैयार किया गया है वह अक्टूूबर के अंत तक यह कानून बन जाएगा। हालांकि राज्य कुछ समय के लिए केंद्र शासित राज्य रहेगा।

क्योंकि केन्द्रीय गृहमंत्री ने वादा किया है कि जब राज्य में स्थिति सामान्य हो जाएगी तब इसे फिर से पू्र्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा की सीटों का फिर से परिसीमन किया जाएगा और इसके मुताबिक राज्य की 114 सीटें होंगी और इसमें से 24 सीटें पाकिस्ताान अधिकृत कश्मींर के लिए आरक्षित होंगी जबकि 90 सीटें जम्मू और कश्मीर के लिए होंगी।

गौरतलब है कि 5 अगस्त् को केंद्र सरकार ने जम्मूे-कश्मीीर से अनुच्छे द 370 को हटा दिया था। इसके बाद विधेयक पास कराकर राज्ये को दो भागों में विभाजित कर दिया था। जिसके तहत एक राज्य जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख बनाया गया था। लद्दाख भी केन्द्र शासित राज्य बनाया गया है और यहां की विधानसभा जम्मू कश्मीर में होगी।

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