केंद्रीय बलों के शहीदों के परिवारों को सरकार से मिलेगी एक करोड़ की वित्तीय मदद, पुलवामा से शुरुआत

By ankur sharmaFirst Published Mar 8, 2019, 6:26 PM IST
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केंद्र सरकार ने पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को एक करोड़ की वित्तीय मदद की व्यवस्था की। राज्यों की ओर से की गई घोषणाएं इस मदद में शामिल नहीं हैं। 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 से ज्यादा जवानों की शहादत के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अर्धसैनिक बलों के परिवारों को वित्तीय संकट से बचाने के कई उपाय किए हैं। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि पुलवामा हमले में शहीद हुए प्रत्येक जवान के परिवार को भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकार ने सभी परिवारों के लिए कम से कम एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की व्यवस्था की है। सरकार के सूत्रों ने इसे शहादत देने वाले जवानों के परिवारों की मदद की एक छोटी कोशिश बताया है। 

केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुसार, पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को अब तक कुल एक करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की व्यवस्था की है। इसमें भारत के वीर फंड से मिलने वाले 15 लाख रुपये भी शामिल हैं। 

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के मुताबिक, पहले ऐसी किसी भी घटना के बाद परिवार को 30 से 50 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद मिलती थी। गृहमंत्रालय के मुताबिक, यह केंद्र की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि है। राज्यों की ओर से शहीदों के परिजनों के लिए की गई नौकरी और दूसरी घोषणाएं इससे अलग हैं। 

गृहमंत्रालय के अनुसार, पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों के परिवार को 35 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। इसके अलावा जोखिम फंड से प्रत्येक को 21.5 लाख रुपये मिलेंगे। प्रत्येक शहीद जवान के परिवार को भारत के वीर फंड से भी 15-15 लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा एसबीआई पैरा मिलिट्री सैलरी पैकेज कवर से भी 30 लाख रुपये मिलेंगे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को सरकार ने 15 लाख से बढ़ाकर 35 लाख रुपये कर दिया है।

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'कोई भी राशि राष्ट्र की सुरक्षा के दौरान केंद्रीय बलों के जवानों के बलिदान की बराबरी नहीं कर सकती। लेकिन सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि शहीद होने वाले हर जवान के परिवार को कम  से कम एक करोड़ रुपये की सहायता राशि मिल सके। इसी उद्देश्य से भारत के वीर फंड की शुरुआत की गई। इसमें काफी दान दिया गया है।'

सरकार वित्तीय सहायता के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित कर रही है कि शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मी के बच्चों को स्कॉलरशिप मिले। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शहीद जवानों के आश्रित भी अब शहीद सैनिकों के परिवार की तरह ही एलपीजी आउटलेट पाने के हकदार होंगे।

गृहमंत्री ने कहा, 'सेवा के दौरान घायल होने वाले जवानों को मिलने वाले इलाज के खर्च के अलावा अतिरिक्त सहायता देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।' एनडीए  सरकार जम्मू-कश्मीर और नक्सल प्रभावति जिलों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों के कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ता और कठिनाई भत्ता भी  बढ़ा चुकी है। 

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