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असम के चार मीडिया संगठनों पर आतंकी विचारधारा को फैलाने का आरोप, केंद्र ने जांच का दिया आदेश

Siddhartha Rai |  
Published : Apr 17, 2019, 02:49 PM IST
असम के चार मीडिया संगठनों पर आतंकी विचारधारा  को फैलाने का आरोप, केंद्र ने जांच का दिया आदेश

सार

एलआरओ की ओर से केंद्रीय गृहमंत्रालय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर चार मीडिया हाउसेज और उनके मालिकों की जांच का अनुरोध किया गया था। साथ ही इन संगठनों के वित्तीय लेनदेन, आय के स्रोत और विदेशी खुफिया एजेंसियों तथा प्रतिबंधित आतंकी समूहों से पैसा मिलने की पड़ताल करने को कहा गया था।   

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने असम के चार मीडिया प्लेटफॉर्म को आतंकवादी विचारधारा को फैलाने और युवाओं को उग्रवाद की राह पर जाने के लिए भड़काने के आरोप में नोटिस जारी किया है। इससे पहले सूचना एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी ऐसा कदम उठाया था। 

यह कार्रवाई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी (एलआरओ) की शिकायत पर की गई है। 

एलआरओ ने ‘माय नेशन’ को बताया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम के गृह सचिव आशुतोष अग्निहोत्री और असम के डीजीपी को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। कुछ मीडिया आउटलेट और उनके मालिक आतंकवादी विचारधारा का प्रसार कर रहे हैं। ये लोग मीडिया में दुष्प्रचार फैलाकर असम के युवाओं को प्रतिबंधित आतंकी संगठनों में भर्ती होने में मदद कर रहे हैं।’

एलआरओ की ओर से केंद्रीय गृहमंत्रालय और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर चार मीडिया हाउसेज और उनके मालिकों की जांच का अनुरोध किया गया था। साथ ही इन संगठनों के वित्तीय लेनदेन, आय के स्रोत और विदेशी खुफिया एजेंसियों तथा प्रतिबंधित आतंकी समूहों से पैसा मिलने की पड़ताल करने को कहा गया था। 

अपनी शिकायत में एलआरओ ने कहा, ‘जबसे पूर्वोत्तर में सिटीजंस अमेंडमेंट बिल 2016 का मुद्दा चर्चा में आया है, असम के कई मीडिया हाउसेज ने लाभ के लिए इस स्थिति का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। मीडिया में बनावटी खराब हालात दिखाए जा रहे हैं। इसके बाद उग्रवादी संगठन उल्फा ने नई भर्तियां करना शुरू कर दिया है।’

एलआरओ ने टीवी चैनल प्रतिदिन टाइम, असोमिया प्रतिदिन न्यूजपेपर, प्राग न्यूज और इंसाइडएनई न्यूज वेबसाइट पर खुलेआम प्रोपेगैंडा चलाने का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि ये मीडिया प्लेटफॉर्म हाल में आतंकी संगठनों में शामिल हुए युवाओं से जुड़ी प्रोपेगैंडा और वीडियो का प्रसारण कर रहे हैं। ऐसा करके उल्फा और दूसरे उग्रवादी संगठनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

एलआरओ ने सचेत करते हुए कहा है, ‘अगर सरकार ने इस तरह के हिंसक और सीधे प्रोपेगैंडा को नजरअंदाज करना जारी रखा तो असम में युवाओं में से नए उग्रवादी बनते रहेंगे और लोकसभा चुनाव के दौरान स्थिति और बिगड़ने का खतरा है।’

एलआरओ ने एक शिकायत में कहा, ‘हाल के समय में कई मौकों पर यहां के लगभग सभी मीडिया प्रतिष्ठानों ने खुले तौर पर केंद्र सरकार के खिलाफ हथियार उठाए जाने का समर्थन किया है। चैनलों पर उल्फा कैडर का प्रोपेगैंडा वीडियो चलाया जा रहा है। कई जगह भगोड़े उल्फा चीफ का टेलीफोनिक इंटरव्यू भी चलाया गया है।’

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