माढा में मोदी की चुनौती, जानें क्यों बीजेपी छीन लेगी एनसीपी का यह गढ़

Published : Apr 17, 2019, 12:49 PM IST
माढा में मोदी की चुनौती, जानें क्यों बीजेपी छीन लेगी एनसीपी का यह गढ़

सार

एनसीपी नेता शरद पवार पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश में आई भगवा क्रांति के डर से शरद पवार चुनाव मैदान छोड़कर भाग चुके हैं. मोदी ने कहा कि शरद पवार की राजनीति सिर्फ एक सिद्धांत पर बैठी है कि केन्द्र में गांधी परिवार का वर्चस्व कायम रहे.

लोकसभा चुनावों में जहां दूसरे चरण की वोटिंग 18 अप्रैल को होने जा रही है वहीं तीसरे चरण की वोटिंग के लिए प्रचार जोर शोर से जारी है. इस चरण में आने वाली सीटों के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाराष्ट्र पहुंचे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गढ़ माढा में चुनावी सभा करते हुए परिवारवाद की राजनीति पर तीखा प्रहार किया.

एनसीपी नेता शरद पवार पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश में आई भगवा क्रांति के डर से शरद पवार चुनाव मैदान छोड़कर भाग चुके हैं. मोदी ने कहा कि शरद पवार की राजनीति सिर्फ एक सिद्धांत पर बैठी है कि केन्द्र में गांधी परिवार का वर्चस्व कायम रहे. मोदी ने कहा कि इस हकीकत के बावजूद शरद पवार मेरे परिवार पर सवाल उठाते हैं जबकि मेरी जिंदगी सुखदेव, राजगुरू और भगतसिंह से मिली प्रेरणा पर चलती है.

गौरतलब है कि माढा लोकसभा क्षेत्र में शरद पवार पर हमला बोलना भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद जरूरी था. हालांकि माढा एनसीपी का गढ माना जाता है और यहां से मौजूदा सांसद एनसीपी नेता विजय सिंह मोहिते हैं. खासबात है कि प्रधानमंत्री मोदी की रैली में मोहिते ने मंच साझा किया.

दरअसल महाराष्ट्र की इस लोकसभा सीट पर एनसीपी नेता मोहिते अपने बेटे रणजीत सिंह को टिकट दिलाना चाहते थे लेकिन शरद पवार ने इसकी मंजूरी नहीं दी. जिसके बाद मोहिते के बेटे ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया. वहीं इस मौके पर एनसीपी से इस सीट को हथियाने के लिए बीजेपी ने मोहिते के बेटे को मैदान में उतार दिया.  

माढा के सियासी गणित के मुताबिक 2009 में शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनाई और माढा से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनावों में एनसीपी ने मोहिते को मैदान में उतारा और मोहिते ने देश में मोदी लहर के बावजूद 4,89,989 वोट बटोर कर एनसीपी के लिए सीट पर कब्जा कर लिया. ऐसे मे राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस सीट पर एनसीपी को मात देकर प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी की प्रासंगिकता को खत्म करने का कवायद करेंगे.

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