कुछ इस तरह परवान चढ़ी आजम खान और जयाप्रदा की अदावत
1.
अब से दो महीने पहले फरवरी के महीने में जयाप्रदा ने यह बोलकर सनसनी फैला दी कि आजम खान उनपर एसिड से हमला करवाना चाहते हैं। किसी भी महिला के लिए इससे बुरा कुछ भी नहीं हो सकता है। जयाप्रदा ने यह भी कहा कि उन्हें आजम खान की तरफ से कई बार धमकियां दी गईं।
2.
आजम खान के दिल में जयाप्रदा के प्रति इतनी कड़वाहट भरी हुई है कि वह गाहे ब गाहे सामने आ ही जाती है। लगभग एक साल पहले फिल्म पद्मावत रिलीज हुई। जिसे देखने के बाद जयाप्रदा ने आजम के खिलाफ अपनी भड़ास इस प्रकार निकाली।
जया ने कहा कि ‘जब मैं पद्मावत फिल्म देख रही थी, तो खिलजी के किरदार ने मुझे आजम खान जी की याद दिला दी, कि कैसे उन्होंने चुनाव के दौरान मुझे परेशान किया था’।
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जयाप्रदा की इस बात से आजम खान तुनक गए। उन्होंने बयान दिया कि ‘सुना है कि पद्मावत फिल्म के किरदार खिलजी का चरित्र बहुत घटिया था। पद्मावती ने खिलजी के आने से पहले ही इस दुनिया को छोड़ दिया था। लेकिन अब एक ‘नाचने वाली’ औरत ने मेरे बारे में कुछ टिप्पणी की है। मुझे बताइए, 'अगर मैं इस 'नाचने वाली' की हर बात का जवाब देता रहूंगा, तो मैं राजनीति पर कैसे ध्यान दे पाऊंगा?'
3.
किसी भी महिला का मनोबल तोड़ने का सबसे आसान तरीका होता है उसके चरित्र पर ऊंगली उठाना। खास तौर पर यदि वह महिला फिल्मों से जुड़ी हुई है तो यह आशंका और ज्यादा हो जाती है।
साल 2009 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जयाप्रदा को रामपुर से टिकट देने की घोषणा कर दी। यह बात आजम खान को नागवार गुजरी। वह खुले तौर पर तो मुलायम सिंह का विरोध नहीं कर पाए लेकिन आजम ने रामपुर में अपने आदमियों को शह दे दी। जिन लोगों ने जयाप्रदा के फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े होने और उनके महिला होने को लेकर आम जनता के बीच तरह तरह की अफवाहें फैलाईं। उन्हें ‘नचनिया’ से लेकर ‘घुंघरू वाली’ तक कहा गया और उनके चरित्र को लेकर तरह तरह के किस्से गढ़े गए।
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2009 के आम चुनावों की ही बहात है आजम खान के समर्थकों के लाख दुष्प्रचार के बावजूद मुलायम सिंह का वरद हस्त पाकर जयाप्रदा कामयाबी की तरफ बढ़ने लगीं। क्योंकि भले ही आजम खान के समर्थक जयाप्रदा के चरित्र हनन में लगे थे लेकिन उत्तर प्रदेश की पूरी समाजवादी पार्टी की ताकत जयाप्रदा के साथ थी। ऐसे में आजम खान ने बेहद घटिया चाल चली। उन्होंने अपने समर्थकों के जरिए जयाप्रदा के अश्लील पोस्टर छपवाए।
इन पोस्टरों में शरीर किसी नग्न स्त्री का था, लेकिन फोटोशॉप के जरिए उसपर जयाप्रदा का चेहरा चिपका दिया गया था। इन तस्वीरों को पूरे रामपुर में जगह जगह चस्पां कर दिया गया।
इस प्रकरण से जयाप्रदा इतनी आहत हुईं कि उन्होंने आत्महत्या करने की बात तक सोचने लगीं। लेकिन बाद में अमर सिंह के समझाने पर उन्होंने अपना मन बदला। हाल ही में जयाप्रदा ने इस बात का खुलासा करते हुए बयान दिया कि ‘मुझे जीने की इच्छा नहीं थी। मैं खुदकुशी करना चाहती थी, लेकिन जिस इंसान ने मुझे बचाया वो है अमर सिंह जी’।
5.
आजम खान की अदावत ने जयाप्रदा को बेहद बुरे दिन दिखाए। आजम के समर्थकों ने जयाप्रदा की गलत तरीके से बनाए हुए वीडियो तैयार करवा के सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यही नहीं जयाप्रदा के वीडियो की बकायदा सीडी बनवाकर बंटवाई गई।
लेकिन जयाप्रदा ने हिम्मत नहीं हारी। वह घूम घूम कर वोटरों के बीच आजम खान को भैया कहकर संबोधित करती रहीं। आखिरकार जयाप्रदा 30 हजार वोटों से चुनाव जीत गईं थीं।