पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करता है और चांद पृथ्वी की। इसी क्रम में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती और चंद्रमा पृथ्वी के छाए में छिप जाता है इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं। यह तभी संभव है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा तीनों ही अपनी कक्षा में एक-दूसरे के सीध में हो। ऐसा पूर्णिमा के दिन ही संभव है।
आज यानी 27 जुलाई को इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लग रहा है। दुनियाभर के लोगों की निगाहें आज के इस चंद्र ग्रहण पर टिकी हैं। भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा और इसे देखने के लिए देशभर में इंतजाम किए गए हैं।
चंद्र ग्रहण लगभग 1 घंटे 43 मिनट तक रहने वाला ये ग्रहण पूरे भारत में आसानी से देखा जा सकेगा। इसे बीना किसी उपकरण की सहायता के भी देखा जा सकता है।
भारतीय समय अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण की शुरुआत 27 जुलाई को रात 11 बजकर 54 मिनट 02 दो सेकेंड पर होगी और यह चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को सुबह 3:49 बजे खत्म हो जाएगा। इस चंद्र ग्रहण को ब्लड मून का नाम दिया है क्योंकि इस ग्रहण में चंद्रमा लाल रंग का दिखेगा।
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करता है और चांद पृथ्वी की। इसी क्रम में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती और चंद्रमा पृथ्वी के छाए में छिप जाता है इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं। यह तभी संभव है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा तीनों ही अपनी कक्षा में एक-दूसरे के सीध में हो। ऐसा पूर्णिमा के दिन ही संभव है।
यह इस साल का यह दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण है इससे पहले 31 जनवरी को पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था। 27 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है क्योंकि इसी दिन महर्षि व्यास का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसके अगले दिन से श्रावण मास शुरू हो रहा है और श्रावण मास का पहला स्नान ग्रहण मोक्ष में होगा जो बहुत ही शुभ है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, यह चंद्रग्रहण दक्षिण एशिया, मध्य-पूर्व के देश, पूर्वी यूरोप और पूर्वी व दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखेगा।
इस दिन गुरू पूर्णिमा होने के कारण पूजा ग्रहण के सूतक काल लगने से पहले कर लेनी चाहिए। चंद्र ग्रहण से पहले सूतक 9 घंटे पूर्व दोपहर 2:54 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण रात 11:54 से शुरू होकर रात 3:49 बजे समाप्त होगा। गुरु पूर्णिमा को ग्रहण होने की वजह से पंडितों का मानना है कि दोपहर तक गुरु पूर्णिमा की पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए।
ज्योतिष की माने तो आज का चंद्रग्रहण मकर राशि में हो रहा है। इसलिए इस चंद्रग्रहण की वजह से मकर राशि के जातक ही सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। यह चंद्रग्रहण मकर राशि के जातकों के लिए अशुभ है। मकर के अलावा मेष, वृष व कुंभ राशि वालों को ग्रहण का बुरा असर प्रभावित करेगा। अन्य राशियों की बात करें तो मिथुन, तुला, वृश्चिक व मीन राशियों के लिए यह ग्रहण शुभफलदायी होने वाला है।
चंद्रग्रहण के दौरान खाना जिस समय तक चंद्रग्रहण रहता है उस वक्त तक भगवान की पूजा अर्चना नहीं करनी चाहीए मंदिर इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं। चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नही निकलना चाहीए इससे गर्भ मे पल रहे बच्चे पर बूरा असर पड़ता है। चंद्रग्रहण के समय लोगों को कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए साथ ही भगवान की मूर्ति का स्पर्श, मल-मूत्र का त्याग भी नहीं करना चाहिए|