ममता बनर्जी के चहेते पुलिस कमिश्नर पर मुख्य न्यायाधीश ने उठाई ऊंगली

पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चहेते पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को लेकर भारी बवाल हुआ था। उनसे पूछताछ करने गई सीबीआई की टीम के साथ बदसलूकी की गई। जिसके बाद सीबीआई ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लेकर पहुंची। जिसकी सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर गंभीर टिप्पणियां की। 

Chief Justice Ranjan gogoi comment on Mamta Banarjee close aide Kolkata police commissioner Rajeev Kumar

नई दिल्ली : शारदा चिटफंड जांच में  बाधा उत्पन्न करने के लिए पश्चिम बंगाल के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट पेश की। जिसे देखकर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा इसमें दर्ज बातें बेहद गंभीर है। इसलिए अभी कोई आदेश नहीं दे रहे है। सीबीआई चाहे तो 10 दिन में उपयुक्त अर्जी दाखिल करें। इसके बाद राजीव कुमार 10 दिन में जवाब दाखिल कर सकते है। 

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यदि कुछ 'बेहद गंभीर तथ्य' उनके सामने आते हैं तो कोर्ट 'अपनी आंख बंद नहीं' कर सकता है। तीन सदस्यों वाली इस बेंच में जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टस संजीव खन्ना भी शामिल हैं। 

वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को अवमानना की सुनवाई से बाहर करने की मांग की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग पर फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया है। 

इस मामले में अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी। वही गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। 
गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि पांच आईपीएस अधिकारी 4 फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राजनीतिक धरने पर बैठे थे। पूछताछ में पता चला है कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त चार अन्य आईपीएस अधिकारियों के साथ धरने पर बैठे थे। संसदीय चुनाव के मद्देनजर पांच आईपीएस अधिकारियों के आचरण के बारे में चुनाव आयोग को भी लिखा गया है। 

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई ने अवमानना चलाने को लेकर जो दलीले दी है वह अधूरी है लिहाजा सीबीआई निदेशक खुद दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करें। 

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और कोलकत्ता के तत्कालीन कमिश्नर राजीव कुमार ने अवमानना नोटिस के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट से बिना शर्त माफी दिए जाने की मांग की है। 

दरअसल पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होना पड़ेगा। हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि फिलहाल राजीव कुमार की गिरफ्तारी नही होगी। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ में दिक्कत क्या है? 

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश होना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम पुलिस आयुक्त को खुद को उपलब्ध कराने और पूरी तरह से सहयोग करने का निर्देश देंगे। 

जिसके बाद राजीव कुमार कोर्ट के आदेश के मुताबिक सीबीआई के शिलांग ऑफिस में पेश हुए थे। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि अवमानना याचिका पर कोर्ट बाद में सुनवाई करेगा।
 

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