चीन में ये फसलें हो रही बर्बाद, भारत के किसान ऐसे होंगे मालामाल

By Team MyNation  |  First Published May 9, 2019, 3:58 PM IST

अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक लगभग पांच महीने पहले चीन की प्रमुख फसलों में कीट के हमले का मामला उजागर हुआ। इन फसलों में लगे कीड़े से चीन में खाद्य सप्लाई बिगड़ने के आसार हैं। अमेरिकी कृषि विभाग ने बताया कि चीन की फसलों में लगा यह कीड़ा मक्का, धान, सोयाबीन, कपास समेत दर्जनों अहम फसलों को अपनी चपेट में ले चुका है और आने वाले दिन में स्थिति से बचने के लिए चीन के सामने मक्का, धान और सोयाबीन की सप्लाई की कड़ी चुनौती है।

एक खतरनाक कीड़ा चीन में खड़ी फसलों में लग चुका है जिससे कृषि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चीन में कई फसलें प्रभावित होंगी और इससे दुनिया के सबसे बड़े देश की खाद्य सप्लाई बाधित हो सकती है। मामले के जानकारों का दावा है कि ऐसी स्थिति में भारत के लिए बड़ा मौका है। वह वैश्विक स्तर पर अधिक खाद्य निर्यात के सहारे किसानों की आमदनी का रास्ता साफ कर सकता है।

चीन की इन फसलों में लगा कीड़ा

अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक लगभग पांच महीने पहले चीन की प्रमुख फसलों में कीट के हमले का मामला उजागर हुआ। इन फसलों में लगे कीड़े से चीन में खाद्य सप्लाई बिगड़ने के आसार हैं। अमेरिकी कृषि विभाग ने बताया कि चीन की फसलों में लगा यह कीड़ा मक्का, धान, सोयाबीन, कपास समेत दर्जनों अहम फसलों को अपनी चपेट में ले चुका है और आने वाले दिन में स्थिति से बचने के लिए चीन के सामने मक्का, धान और सोयाबीन की सप्लाई की कड़ी चुनौती है।

गौरतलब है कि चीन सरकार पहले से ही पशुधन की समस्या से जूझ रही है। चीन की जनसंख्या बड़े स्तर पर पोर्क पर निर्भर है। पोर्क चीन में प्रोटीन के लिए बेहद अहम खाद्य उत्पाद है। लिहाजा, पोर्क के साथ-साथ अब चीन सरकार को अहम फसलों पर लगे कीटनाशक की समस्या से लड़ने की चुनौती है। 

चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर का असर

मौजूदा समय में चीन को आयात हो रहे अमेरिकी फसल जिसमें सोयाबीन अहम है पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया गया है। वहीं चीन और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वॉर से पहले अमेरिका में सोयाबीन की कुल पैदावार का 60 फीसदी चीन खरीदता था। लिहाजा, चीन ने अमेरिका पर इस निरभर्ता को कम करने के लिए सोयाबीन की बड़े स्तर पर खेती की थी। इसके बावजूद मौजूदा समय में चीन सोयाबीन का दुनिया में सबसे बड़ा निर्यातक देश है।

आंकड़ों के मुताबिक, चीन में प्रतिवर्ष सोयाबीन उत्पादन 16 मिलियन टन है और वह अपनी डिमांड को पूरा करने के लिए लगभग 80 मिलियन टन सोयाबीन अन्य देशों से आयात करता है। सोयाबीन का इस्तेमाल तेल के साथ-साथ पशुधन के खाद्य उत्पाद के लिए किया जाता है। 

अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक चीन के कम से कम 6 प्रांतों की फसलों में यह खतरनाक कीड़ा लग चुका है और इसके क्षेत्र का लगातार विस्तार हो रहा है।

कैसे भारत के किसान होंगे मालामाल

क्या वैश्विक स्तर पर हो रहे इस बदलाव का फायदा भारत को मिलेगा? कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना का कहना है कि वैश्विक स्तर पर आ रहे इस मौके को भुनाने के लिए केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द अपनी निर्यात नीति को वैश्विक स्तर के समानांतर खड़ा करने की जरूरत है। 

सरदाना के मुताबिक यदि इस स्थिति का फायदा भारत को उठाना है तो उसे अपनी नीतियों में बड़े बदलाव करने होंगे। सरदाना ने बताया कि वैश्विक कृषि बाजार में ज्यादातर कृषि उत्पादों की कीमतों से अधिक कीमत भारत में है लिहाजा मौजूदा नीतियों के सहारे भारत चीन से आने वाले इस मौके का फायदा उठाने की स्थिति में नहीं है।

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