क्या कांग्रेस की इस ‘असहिष्णुता’ पर होगी अवॉर्ड वापसी

By Team MyNationFirst Published May 9, 2019, 3:37 PM IST
Highlights

राजनीतिक फायदे के लिए भले ही कांग्रेस विपक्ष में बैठकर ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की दुहाई देती है। लेकिन जब वह सत्ता में आती है तो उसका तानाशाह रवैया उभरकर सामने आ जाता है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस शासन में कुछ ऐसा ही हो रहा है। 

उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय के एक विभागाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया। उनका जुर्म सिर्फ इतना था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी। जो कि मध्य प्रदेश में सत्तासीन कमलनाथ सरकार को पसंद नहीं आया। 

इन प्रोफेसर साहब का नाम राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर है और वह संस्कृत, वेद और ज्योतिर्विज्ञान(ज्योतिष विभाग) के अध्यक्ष हैं। वह ग्रहों की चाल और गणना के माहिर हैं। इसी आधार पर उन्होंने 28 अप्रैल को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की। 

जिसमें उन्होंने अपनी ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि आने वाले लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को लगभग 300 सीटें मिल सकती हैं। उनकी पोस्ट का शीर्षक था 'भाजपा 300 के पास और राजग 300 के पार'। 

लेकिन कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश में विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रोफेसर मुसलगांवकर की यह गणना पसंद नहीं आई। हालांकि यह पोस्ट किसी भी तरह राजनीतिक नहीं थी, बल्कि ज्योतिष की गणना पर आधारित थी। लेकिन मध्य प्रदेश के कांग्रेस शासन को उनका यह विश्लेषण पसंद नहीं आया। 

विश्वविद्यालय प्रशासन ने तर्क दिया कि यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है और उन्हें निलंबित कर दिया। ऐसा करते हुए यह भी ध्यान नहीं रखा गया कि प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर बेहद सम्मानित व्यक्ति हैं और लोग उनके ज्ञान की कद्र करते हैं। 

यही नहीं जब विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें नोटिस जारी किया तो उन्होंने इसकी सफाई भी दी और अगले ही दिन अपनी पोस्ट हटा ली। लेकिन मध्य प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस सरकार को खुश करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी एक भी नहीं सुनी। 

हालांकि प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर के समर्थन में भी लोग आ रहे हैं और उनके निलंबन पर विरोध जता रहे हैं। 

लेकिन अभी तक प्रोफेसर मुसलगांवकर की निलंबन वापसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

हालांकि कांग्रेस अक्सर अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देती है। लेकिन इस तरह के वाकये उसकी एकाधिकारवादी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हैं। 

मध्य प्रदेश में छठे चरण का चुनाव बेहद अहम है। इसी दौरान यहां राजधानी भोपाल सहित आस पास के इलाकों में वोट पड़ने वाला है। ऐसे में प्रोफेसर राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर की पोस्ट कांग्रेस को भारी पड़ सकती थी। इसलिए यह कार्रवाई की गई। 


 

click me!