अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख पर चीन के पक्ष लेने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी दुनिया और अमेरिका में कोरोना संक्रमण फैलने के जिम्मेदार ठहराया है। वहीं ट्रंप ने वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी को अमेरिका द्वारा दिए जाने वाली फंडिंग को बंद करने की भी धमकी दी थी।
पटना। भले ही संयुक्त राष्ट्र में अभी तक विश्वभर में कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए चीन के लिए कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है। लेकिन बिहार पश्चिमी चंपारण जिले में अदालत में शी जिनपिंग के खिलाफ शिकायत दर्ज हो गई है और अब इस मामले में आगामी 16 जून को सुनवाई होगी। इस मामले में शिकायतकर्ता ने पीएम नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गवाह बनाया है।
पश्चिमी चंपारण के एक वकील मुनाद अली ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घिबेयियस के खिलाफ एक शिकायत दायर की है और उन पर कोरोना वायरस संक्रमण को फैलाने का आरोप लगाया है। अधिवक्ता मुराद अली ने दायर शिकायत में आरोप लगाया गया कि जिनपिंग और घिबेयसू चीन के वुहान शहर से कोरोनोवायरस के संक्रमण को फैलाया है और ये दोनों लोग इसके लिए लिए जिम्मेदार हैं।
पश्चिम चंपारण जिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर शिकायत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को गवाह बनाया गया है। फिलहाल शिकायत दर्ज होने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई 16 जून को करने का फैसला किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि वुहान से घातक वायरस दुनिया भर में फैला और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और डब्लूएचओ प्रमुख ने घातक संक्रमण के प्रसार के बारे में जानकारी छिपाई है और इसलिए दोनों दोषी हैं। अली का कहना है कि जिनपिंग और घिबेयियस ने एक-दूसरे के साथ मिलकर दुनिया भर में कोरोनावायरस फैलाया और इस लिए दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 269, 270, 271, 302, 307, 500, 504 और 120 बी के तहत कार्रवाई की मांग की है।
ट्रंप भी लगा चुके हैं चीन और डब्लूएचओ पर आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख पर चीन के पक्ष लेने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी दुनिया और अमेरिका में कोरोना संक्रमण फैलने के जिम्मेदार ठहराया है। वहीं ट्रंप ने वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी को अमेरिका द्वारा दिए जाने वाली फंडिंग को बंद करने की भी धमकी दी थी। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने पिछले साल 450 मिलियन अमरीकी डालर डब्लूएचओ के दिए थे। लेकिन अब अमेरिका उसे आर्थिक मदद नहीं देगा।