डेढ़ महीने पर कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार बहुमत न होने के कारण गिर गई थी। हालांकि इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस के बीच आरोप और प्रत्यारोपों का दौर चलता रहा। लेकिन अब जेडीएस ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया है। राज्य में करीब एक साल तक जेडीएस और कांग्रेस की सरकार चली। जिसमें कम विधानक होने के बावजूद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन दिया था। हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस और जेडीएस ने सरकार बचाने की कोशिश भी की।
नई दिल्ली। कर्नाटक में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। राज्य में मिलकर सरकार बनाने वाले कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन टूट गया है। इसका ऐलान पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने किया। देवगौड़ा ने कहा कि अब वह आगामी चुनाव में किसी भी राजनैतिक दल के साथ गठबंधन करने की गलती नहीं करेंगे। फिलहाल ये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए बड़ा झटका है। क्योंकि सोनिया फिर से विभिन्न दलों के साथ गठबंधन बनाकर भाजपा को रोने की रणनीति बना रही थी।
गौरतलब है कि डेढ़ महीने पर कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार बहुमत न होने के कारण गिर गई थी। हालांकि इसके बाद जेडीएस और कांग्रेस के बीच आरोप और प्रत्यारोपों का दौर चलता रहा। लेकिन अब जेडीएस ने कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया है। राज्य में करीब एक साल तक जेडीएस और कांग्रेस की सरकार चली।
जिसमें कम विधानक होने के बावजूद कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन दिया था। हालांकि पिछले दिनों कांग्रेस और जेडीएस ने सरकार बचाने की कोशिश भी की। लेकिन विधायकों की बगावत के कारण गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी सरकार बचाने में नाकामयाब रहे।
फिलहाल जेडीएस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को बड़ी राजनैतिक भूल माना है और जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने कहा कि वह आगामी चुनावों में किसी भी राजनैतिक दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। हालांकि देवगौड़ा ने दावा किया है कि राज्य में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो जेडीएस अकेले चुनाव लड़ेगी।
राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जेडीएस ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था। लेकिन लोकसभा चुनाव में जेडीएस ने कांग्रेस के चुनावी गठजोड़ किया था। लेकिन इसमें कांग्रेस और जेडीएस ने एक-एक सीट जीती जबकि राज्य की 28 सीटों में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि एक सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीतने में कामयाब रहा।
गौरतलब है कि राज्य की जेडीएस और कांग्रेस सरकार के 15 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद चले राजनैतिक ड्रामे का अंत दो सप्ताह बाद हुआ जब कुमारस्वामी विधानसभा में अपना बहुमत साबित नहीं सके और राज्य में भाजपा ने सरकार बनाई।