नागरिकता कानून को राज्यों में लागू करने को लेकर बंट गई है कांग्रेस

पहले केरल ने इस कानून के खिलाफ राज्य की विधानसभा में पारित किया और इसके बाद पंजाब ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया। लेकिन अब कांग्रेस अन्य राज्यों में इस कानून को राज्यों की विधानसभा से पारित करने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले अहमद पटेल ने कहा कि अब कांग्रेस अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में इस कानून के खिलाफ विधानसभा में पारित कराने की रणनीति पर काम कर रही है।

Congress is divided about implementing citizenship law in states

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस पार्टी अब दो भागों में बंटती दिख रही है। जहां कांग्रेस शासित राज्य इस कानून को लागू न करने की जिद पर अड़े हैं वहीं कांग्रेस के नेता भी मान रहे हैं कि ये असंवैधानिक होगा और ऐसा करना राज्यों के लिए मुश्किल होगा। कांग्रेस वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्यों की विधानसभा से इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के बावजूद इसे ना कहना राज्यों के लिए आसान नहीं होगा।

Congress is divided about implementing citizenship law in states

हालांकि पहले केरल ने इस कानून के खिलाफ राज्य की विधानसभा में पारित किया और इसके बाद पंजाब ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया। लेकिन अब कांग्रेस अन्य राज्यों में इस कानून को राज्यों की विधानसभा से पारित करने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले अहमद पटेल ने कहा कि अब कांग्रेस अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में इस कानून के खिलाफ विधानसभा में पारित कराने की रणनीति पर काम कर रही है।

ताकि केन्द्र सरकार पर इसको लेकर दबाव बने। अब तक कांग्रेस महाराष्ट्र की शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार पर इसको लेकर दबाव बना रही है। वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की सरकार तो झारखंड में कांग्रेस सरकार में भागीदार है। वहीं राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन इसके लिए प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। राजस्थान में 24 जनवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सीएएस को संवैधानिक घोषित करता है तो इसका विरोध करना मुश्किल होगा। सिब्बल ने शनिवार को इस बारे में बयान दिया था और रविवार को फिर से दोहराया कि कोई भी राज्य इस कानून को लागू करने से मना नहीं कर सकता। वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट ने सीएए को संवैधानिक घोषित करता है तो जो राज्य इस खिलाफ प्रस्तवा पारित कर रहे हैं उन्हें इसका विरोध करना मुश्किल होगा।
 

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