कांग्रेस नेता का दावा, विधानसभा चुनाव जीतना पार्टी के लिए मुश्किल और भविष्य भी अधर में

By Team MyNation  |  First Published Oct 9, 2019, 11:19 AM IST

पूर्व केन्द्रीय मंत्री नने कहा कि इस साल लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पर संकट तेजी से बढ़ा है। पार्टी को इसके लिए मंथन करना चाहिए था। जबकि पार्टी में तत्कालीन अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद संकट बढ़ गया। जबकि हमें दूसरे रास्तों पर मंथन करना चाहिए। मसलन हार की समीक्षा कर पार्टी को मजबूत करने पर विचार करना चाहिए था। 

नई दिल्ली। दो राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता का दावा है कि चुनाव में कांग्रेस का जीतना मुश्किल है। यही नहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस का भविष्य भी अधर में है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने पार्टी में सक्रिय नहीं है और उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के नेता ने कहा कि वह वर्तमान की अध्यक्ष की अतंरिम व्यवस्था से खुश नहीं हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय सलमान खुर्शीद ने पार्टी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दो राज्य महाराष्ट्र और हरियाणा में हो रहे चुनाव में पार्टी का जीतना मुश्किल है। पार्टी की महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव जीतने की संभावना नहीं है। क्योंकि पार्टी संघर्ष के दौर से गुजर रही है और पार्टी का भविष्य भी अधर में है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता पार्टी से अलविदा कह रहे हैं। लिहाजा पार्टी जिस दौर से गुजर रही है वह कठिन दौर है।

खुर्शीद ने कहा कि पार्टी के नेता राहुल गांधी हमें छोड़ कर चले गए हैं। जिसके कारण पार्टी संकट के दौर में है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री नने कहा कि इस साल लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पर संकट तेजी से बढ़ा है। पार्टी को इसके लिए मंथन करना चाहिए था। जबकि पार्टी में तत्कालीन अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद संकट बढ़ गया। जबकि हमें दूसरे रास्तों पर मंथन करना चाहिए। मसलन हार की समीक्षा कर पार्टी को मजबूत करने पर विचार करना चाहिए था। 

खुर्शीद ने दावा किया कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टी के जीतने की संभावना नहीं है। पार्टी की स्थिति काफी खराब है क्योंकि पार्टी अपना भविष्य तय नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जल्दबाजी में पार्टी को छोड़ा। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार खुर्शीद ने कहा कि वह पार्टी की मौजूदा अस्थायी व्यवस्था(अध्यक्ष) की व्यवस्था से खुश नहीं है।

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