राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, पार्टी को एकजुट रखने के लिए गांधी परिवार का नेतृत्व जरूरी। आज राहुल गांधी देश का एजेंडा तय कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गांधी-नेहरू परिवार के बगैर पार्टी बिखर जाएगी इसलिए इसे एकजुट रखने की खातिर इस परिवार का नेतृत्व जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी गरीबों और देशहित के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। गहलोत ने कहा, 'पिछले 30 वर्षों से इस परिवार के किसी व्यक्ति ने सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। 2004 में जब मौका आया तो सोनिया जी ने त्याग किया और मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री बनाया।' उन्होंने कहा, 'मैं इतने लंबे समय से राजनीति में हूं और यह कह सकता हूं कि इस परिवार के बगैर पार्टी बिखर जाएगी। पार्टी को एकजुट रखने के लिए उनका नेतृत्व जरूरी है।' राहुल गांधी के नेतृत्व के सवाल पर उन्होंने कहा, 'देश के सभी कार्यकर्ता राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास करते हैं।...खुद राहुल जी आज एजेंडा तय कर रहे हैं। यह बात अलग है कि मोदी जी जवाब नहीं दे पा रहे हैं।'
राहुल देशभक्त और शिवभक्त
यह पूछे जाने पर कि राहुल का नेतृत्व इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी से किस तरह अलग है, तो उन्होंने कहा, 'मैंने इन सभी नेताओं के साथ काम किया है। राहुल शानदार इंसान हैं, देशभक्त हैं। वह गरीब के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। देशहित के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनकी कितनी भी आलोचना हो, वह उसको व्यक्तिगत नहीं लेते क्योंकि वह शिवभक्त हैं।'
न्यूनतम गारंटी और स्वास्थ्य का अधिकार बड़े मुद्दे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी जी अपने मन की बात नहीं करते, अपने मन की बात थोपते हैं। राहुल जी कहते हैं कि जनता की बात सुनो। इसलिए वह समाज के विभिन्न वर्गों के पास गए। कुलियों के पास गए, मछुआरों के पास गए। राहुल जी ने किसानों से वादे किए और उसे निभाया भी।'
गहलोत ने कहा, 'अधिकार आधारित योजनाओं की शुरुआत मनमोहन सिंह के समय हुई। आरटीआई, खाद्य सुरक्षा कानून और मनरेगा जैसे कदम उठाए गए। अब राहुल जी ने दो बातें की हैं। एक न्यूनतम आय गारंटी और दूसरा स्वास्थ्य का अधिकार की है। यह चुनाव में बड़े मुद्दे होंगे।'
सचिन पायलट से कभी नहीं हुआ झगड़ा
राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मतभेद के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि पायलट के साथ कभी झगड़ा नहीं था। यह सिर्फ मीडिया का बनाया हुआ था। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, 'मुझे राजनीति उमें 48 साल हो गए। तीन बार केंद्रीय मंत्री रहा, पीसीसी अध्यक्ष रहा, पार्टी महासचिव रहा, तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं।....मैं यह चाहूंगा कि राज्यों में और केंद्र भी कांग्रेस की सरकार बने।'