बिहार में सभी विपक्षी दलों को एक मोर्चे पर लाने पर लाने की कांग्रेस की मुहिम परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। राजद ने कल ही कह दिया था कि कांग्रेस बड़ा दिल दिखाए। अभी तक राज्य में कांग्रेस, राजद और छोटे दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पायी है।
बिहार में सभी विपक्षी दलों को एक मोर्चे पर लाने पर लाने की कांग्रेस की मुहिम परवान चढ़ती नजर नहीं आ रही है। राजद ने कल ही कह दिया था कि कांग्रेस बड़ा दिल दिखाए। अभी तक राज्य में कांग्रेस, राजद और छोटे दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पायी है। वहीं एनडीए आज राज्य में सहयोगी दलों के साथ सीटों का बंटवारा करेगा।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कांग्रेस की अन्य विपक्षी दलों के साथ चुनाव लड़ने की मुहिम पहले ही खत्म हो गयी है। अब बिहार में कांग्रेस का राजद के साथ सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। कांग्रेस राज्य में 12 सीटें मांग रही है और अंत में 11 सीटों पर राजी है। लेकिन राजद की दिक्कत ये है कि वह सभी छोटे दलों को लेकर चुनाव लड़ना चाहती है और कांग्रेस को 8 सीट दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि उसने 2014 में 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उस वक्त भी वह राजद के साथ गठबंधन में थी। लिहाजा उसे उसी आधार पर सीटें मिलनी चाहिए। वहीं इस बार गठबंधन में कई छोटे दल सहयोगी हो गए हैं और वह भी ज्यादा सीटें मांग रहे हैं।
वहीं राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव सहयोगी दलों को सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता करने की नसीहत दे रहे हैं। राज्य में राजद की अगुवाई में ही चुनाव लड़े जाएंगे। हालांकि अभी तक सीटों के बंटवारे के साथ ही ये तय नहीं हुआ है कि कौन सा दल कहां से चुनाव लड़ेगा। वहीं कांग्रेस की दिक्कत भाजपा को छोड़कर आए नेताओं को लेकर भी है। जिन्हें कांग्रेस ने इस बात पर पार्टी में शामिल किया है कि उन्हें टिकट दिया जाएगा। जबकि पहले से ही कांग्रेस में कई दावेदार हैं। जिन्हें टिकट देना पार्टी की मजबूरी है। उधर आज एनडीए बिहार में सीट को लेकर अपनी घोषणा करेगा।
जिसको लेकर कांग्रेस और राजद पर दबाव है। वहीं जीतन राम मांझी जो यूपीए गठबंधन में शामिल है वह भी चार सीटों पर अपना दावा कर रहे हैं जबकि एनडीए को छोड़कर यूपीए का हिस्सा बने रालोसपा भी चार सीटों का दावा कर रही है जबकि उसे दो सीटें देने पर सहमति बनी है। पहले राजद बसपा और वामदलों को भी यूपीए महागठबंधन में शामिल करना चाहता था, लेकिन कांग्रेस की कारण उन दलों को शामिल नहीं किया जा सका।