भारत के दबाव के आगे झुका पाकिस्तान, लेना पड़ा ये बड़ा फैसला

By Team MyNation  |  First Published Dec 19, 2018, 7:12 PM IST

भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद अंसारी तक राजनयिक पहुंच देने के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ यानी राजनयिक संवाद जारी किया था। वतन लौटने के बाद सुषमा से मिलते ही फूट-फूटकर रोने लगे। विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा किया।
 

पाकिस्तान में कैद भारतीय हामिद निहाल अंसारी की रिहाई भारत सरकार की ओर से लगातार बनाए गए दबाव का परिणाम है। भारत ने पाकिस्तान की जेल में बंद अंसारी तक राजनयिक पहुंच देने के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ यानी राजनयिक संवाद जारी किया था। 

पाकिस्तान की जेल में छह साल रहने के बाद वतन लौटे हामिद निहाल अंसारी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बुधवार को मुलाकात की और अपना दर्द बयां किया। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को भारत लौटे 33 वर्षीय अंसारी पाकिस्तान में अपने जीवन के सबसे मुश्किल वक्त के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए। सुषमा स्वराज से मिलते ही हामिद फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने सुषमा स्वराज और भारत सरकार का शुक्रिया किया। सुषमा स्वराज ने हामिद के प्रति संवेदना जताई और कहा कि आपका भाग्य सुरक्षित भारत ले आया है। यह आपका दुर्भाग्य था कि आप वहां फंस गए।  

अपनी मां और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आए अंसारी ने मामले पर अटल रहने और इसे पाकिस्तान के समक्ष उठाने के लिए सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा किया।

Indian National Hamid Ansari who came to India after being released from a Pakistan jail yesterday, meets External Affairs Minister Sushma Swaraj in Delhi. His mother tells EAM "Mera Bharat mahaan, meri madam mahaan, sab madam ne hi kiya hai." pic.twitter.com/FQEzz99Ohm

— ANI (@ANI)

वाघा-अटारी सीमा पार कर भारत लौटे मुंबई निवासी अंसारी को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 15 दिसंबर, 2015 को सजा सुनाई थी। मुंबई निवासी 33 वर्षीय अंसारी को पेशावर केंद्रीय कारागार में रखा गया था। अंसारी को 2012 में कथित तौर पर अवैध तरीके से अफगानिस्तान से पाकिस्तान में प्रवेश करने पर गिरफ्तार किया गया था। खबरों के मुताबिक वह एक लड़की से मिलने पाकिस्तान गए थे जिनसे उनकी ऑनलाइन दोस्ती हुई थी। 

अदालत की ओर से दी गई सजा पूरी होने पर उन्हें पाकिस्तानी जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी जेल की सजा पिछले हफ्ते पूरी हो गई थी, लेकिन कानूनी दस्तावेज तैयार नहीं होने की वजह से वह भारत के लिए रवाना नहीं हो सके।

पेशावर हाईकोर्ट ने इमरान खान सरकार को उनको भारत भेजने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक महीने का वक्त दिया था। सरकारी सूत्रों ने बताया कि राजनयिक पहुंच और अंसारी के खिलाए लगाए गए आरोपों को स्पष्ट करने के लिए 96 बार ‘नोट वरबल्स’ जारी किए गए। हालांकि पाक की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। लेकिन विदेश मंत्री  सुषमा स्वराज ने लगातार मामले पर नजर बनाए रखी। 

2012 में अफगानिस्‍तान के रास्‍ते पाकिस्‍तान में दाखिल होने के बाद हामिद निहाल अंसारी लापता हो गया था। उसको कोहाट में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसियों और स्‍थानीय पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके बाद जब उनकी मां फौजिया अंसारी ने बंदी प्रत्‍यक्षीकरण याचिका दायर की तो उसके जवाब में हाई कोर्ट को सूचित किया गया कि वह पाकिस्‍तानी सेना की कस्‍टडी में हैं और उस पर सैन्य अदालत में केस चल रहा है। 

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