शिवपाल यूं तो तकनीकी तौर पर अभी समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। मगर उनकी भतीजे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से ‘‘रार’ ठन चुकी है। इसके मद्देनजर ही शिवपाल ने दो साल इंतजार करने के बाद अपनी नई पार्टी बनायी है।
सपा से अलग हो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) गठित करने वाले शिवपाल सिंह यादव आज रमाबाई मैदान से अपने राजनीतिक सफर की नई हुंकार भरेंगे।
रैली ऐतिहासिक हो इसके लिए शिवपाल ने बीते डेढ़ महीने से पूरे प्रदेश में कड़ी मेहनत की है। लेकिन जिस तरह से लखनऊ शहर को पोस्टरों से पाटा गया है, उसको देखते हुए लगता है कि शिवपाल पूरी तैयारी से मैदान में उतर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में पीएसपी नेताओं ने बड़े-बड़े होर्डिग्स से पाट दिया है। पीएसपी के मुख्यालय 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग से लेकर रमाबाई अम्बेडकर मैदान (रैली स्थल) तक करीब 8 किलोमीटर की दूरी में सड़क के दोनों तरफ विभिन्न स्लोगन लिखे शिवपाल के फोटोयुक्त होर्डिंग्स लगे हैं।
शिवपाल ने खुद शनिवार को रैली स्थल रमाबाई मैदान जाकर आयोजन की तैयारियों का निरीक्षण किया ताकि कल कोई कमी नहीं रह जाय। उधर बताया जा रहा है कि रैली के मद्देनजर उसमें आने भीड़ को लाने वाले गाड़ियों को टोल फ्री कर दिया गया है।
शिवपाल यूं तो तकनीकी तौर पर अभी समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। मगर उनकी भतीजे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से ‘‘रार’ ठन चुकी है। इसके मद्देनजर ही शिवपाल ने दो साल इंतजार करने के बाद अपनी नई पार्टी बनायी है।
पार्टी गठन के बाद शिवपाल ने विभिन्न जिलों में कार्यक्रम तो किए मगर रविवार 9 दिसम्बर को उनका पहला राजनीतिक जमावड़ा हो रहा है, जिसके जरिए वे अपने को सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ सपा और बसपा के मुकाबले मुख्य विपक्षी दल बताने की कोशिश करेंगे।
शिवपाल ने कहा, जनता महंगाई, बेरोजगारी तो किसान अपनी फसल का वाजिब दाम नहीं मिलने से परेशान है। सभी वर्गों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। उनकी पार्टी की रैली इसी जनाक्रोश को स्वर देगी। उन्होंने कहा उनकी रैली को बामसेफ, बहुजन मुक्ति मोर्चा समेत करीब 40 विभिन्न दलों का समर्थन है। इन दलों के समर्थक भी रैली में शिरकत करेंगे।
कल शिवपाल ने मुलायम सिंह यादव को लेकर तीखे तेवर अपनाये। उन्होंने कहा कि जिसको आना होगा वह आएगा। असल में दो दिन पहले सपा की फिरोजाबाद की रैली मुलायम सिंह शामिल हुए थे और उन्होंने भाजपा को हराने के लिए सपा को जिताने की बात कही थी। इसको लेकर शिवपाल मुलायम से नाराज चल रहे हैं।
अभी तक मुलायम कभी शिवपाल तो कभी अखिलेश के साथ नजर आते थे, लेकिन फिरोजाबाद की रैली से साफ हो गया है कि मुलायम अब अखिलेश के साथ ही रहेंगे। हालांकि शिवपाल पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि जिस सीट से मुलायम लड़ेंगे उनकी पार्टी वहां से मुलायम के खिलाफ कोई भी प्रत्याशी खड़ा नहीं करेगी।