फिलहाल कांग्रेस दिल्ली में फिर से सत्ता में आना चाहती है और इसके लिए रणनीति तैयार कर रही है। कांग्रेस आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को मजबूती के साथ चुनाव में उतरने को कहा है। लिहाजा अपनी रणनीति के तहत पार्टी अब पुराने और दिग्गज नेताओं पर दांव खेल सकती है। पार्टी दिग्गज नेताओं को यह छूट दे रही है कि वह अपनी मनचाही सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। हालांकि अभी तक कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी को टक्कर देने के लिए पार्टी दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतार सकती है। पार्टी पूर्व सांसदों, पूर्व विधायकों को चुनावी रण में उतार सकती है।
फिलहाल कांग्रेस दिल्ली में फिर से सत्ता में आना चाहती है और इसके लिए रणनीति तैयार कर रही है। कांग्रेस आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को मजबूती के साथ चुनाव में उतरने को कहा है। लिहाजा अपनी रणनीति के तहत पार्टी अब पुराने और दिग्गज नेताओं पर दांव खेल सकती है। पार्टी दिग्गज नेताओं को यह छूट दे रही है कि वह अपनी मनचाही सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
कांग्रेस ने दिल्ली की सत्ता पर लगातार 15 साल तक राज किया है। लेकिन पिछली बार आम आदमी पार्टी ने उसे सत्ता से बेदखल कर दिया था। जिसके बाद वह फिर से सत्ता में आने के लिए जबरदस्त मेहनत कर रही है। हालांकि अभी भी पार्टी का दिल्ली में संगठन कमजोर है और उसके पास ऐसा करिश्माई चेहरा नहीं है। जिस बलबूते वह फिर से सत्ता पर काबिज हो सके।
फिलहाल पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन, जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, रमेश कुमार, संदीप दीक्षित, कृष्णा तीरथ, अलका लांबा, उदित राज, राजेश लिलोठिया समेत कई दिग्गजों को चुनाव में उतारने की तैयारियां की हैं। ये नेता सांसद और विधायक भी रह चुके हैं और इनका अपने अपने क्षेत्र में जनाधार भी है।
इन नेताओं के चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने अपनी हरी झंडी भी दे दी है। यही नहीं इन नेताओं को इस बात की छूट है कि वह दिल्ली में कहीं भी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं पार्टी टिकटों की दावेदारी पेश कर रहे नेताओं की जीत की संभावनाओं का भी आकलन कर रही है। इसके लिए पार्टी ने निजी एजेंसियों के जरिए सर्वे भी कराया है।