पूर्वी सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा करवा रहे थे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल का फोन टैप, याचिका में लगाया गया आरोप

By Siddhartha Rai  |  First Published Jan 15, 2019, 2:42 PM IST

सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर नोटिस जारी हुआ। मामला अवैध फोन टैपिंग से जुड़ा हुआ था। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा इस मामले पर जांच कराने को लेकर दाखिल याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करके भारत सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता  सार्थक चतुर्वेदी की तरफ से अवैध फोन टैपिंग के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। 

याचिकाकर्ता की ओऱ से वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल, अमित तिवारी, अंकित आनंद ने अदालत को बताया कि सीबीआई के पूर्व प्रमुख द्वारा गलत तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व अन्य उच्च अधिकारियों की कॉल टैप कराई गई ।

दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन, व वी कामेश्वर राव के समक्ष आज हुई सुनवाई में देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर मुद्दा बताते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने न्यायालय के समक्ष सर्वोच्च न्यायालय में आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान दाखिल याचिका पर मनीष सिन्हा द्वारा शपथपत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर बातें कहीं। 

 इसको न्यायालय के समक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने न्यायालय को इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया ।

गलत तरीके से की गई कॉल टैपिंग पर दाखिल की गई है याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल, अमित तिवारी, अंकित आनंद, आदेश वर्मा ने याचिकाकर्ता सार्थक चतुर्वेदी की याचिका पर न्यायालय को अवगत कराया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से लेकर देश के सर्वोच्च अधिकारियों की काल टैपिंग सी बी आई के उच्च अधिकारियों द्वारा की गई । 

आरोप है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ताक पर रख पूर्व निदेशक सी बी आई ने मनमानी करते हुऐ बिना परमिशन के काल टैपिंग की गई ।

न्यायालय को यह भी अवगत कराया गया कि पूर्व निदेशक आलोक वर्मा व उनके कुछ साथी बड़े भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं तथा अपने निजी हितों के लिये सभी उच्च अधिकारियों के कॉल टैप किये गए ।
 

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