शराब नीति घोटाले में पार्टी के बड़े नेताओं के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी वेंटिलेटर पर पहुंचती दिख रही है। मंत्री आतिशी समेत अन्य नेताओं पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ऐसे संकट के समय में यूपी सुल्तानपुर के गुड्डू भइया आप के लिए संजीवनी लेकर आए हैं।
नई दिल्ली। शराब नीति घोटाले में पार्टी के बड़े नेताओं के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी वेंटिलेटर पर पहुंचती दिख रही है। मंत्री आतिशी समेत अन्य नेताओं पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ऐसे संकट के समय में यूपी सुल्तानपुर के गुड्डू भइया आप के लिए संजीवनी लेकर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद से ही पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हो उठे हैं। हम बात कर रहे हैं पार्टी के फायर ब्रांड नेता संजय सिंह की, जिन्हें उनके गांव के लोग आज भी प्रेम से गुड्डू भइया ही कहकर बुलाते हैँ। सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद पार्टी पर संकट बढ़ता जा रहा था। ऐसे में उनके बाहर आने से पार्टी को एक संजीवनी मिली है। जो लोकसभा के चुनावी प्रबंधन के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकता है।
52 साल के आप नेता हैं माइनिंग इंजीनियर
यूपी के सुल्तानपुर जिले में वर्ष 1972 के मार्च महीने की 22 तारीख को शिक्षक दंपत्ति के यहां जन्मे संजय सिंह के बचपन का नाम गुड्डू है। उनकी मां राधिका सिंह और संजय सिंह उड़ीसा में टीचर थे। संजय सिंह की शुरूआती पढ़ाई वहीं से हुई। वर्ष 1993 में उन्होंने माईनिंग इंजीनियिरिंग उड़ीसा स्कूल आफ माइनिंग इंजीनियरिंग के क्योंझर से डिप्लोमा किया है। संजय सिंह के भाई अमेरिका में इंजीनियर हैँ।
40 दिन बाद मनाएंगे शादी की 30वीं साल गिरह
13 मई 1994 में संजय सिंह की अनीता सिंह से शादी हुई। 40 दिन बाद उनकी शादी के 20 वर्ष पूरे होने वाले हैं। उनके एक बेटा उत्कर्ष सिंह और बेटी इशिता सिंह है। अनीता सिंह आंगनबाड़ी वर्कर के साथ-साथ सोशल वर्कर भी हैं। बेटी इशिता बॉलीवुड फ़िल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन में बनी हिंदी फिल्म 'मुल्क' में काम कर चुकी है। वह मुंबई में रहती हैं। हिंदी-पंजाबी म्यूजिक के कई वीडियोज में भी काम कर चुकी हैं। इंस्टाग्राम पर इशिता सिंह को कई फ़िल्मी सितारे फॉलो करते हैं। जिनमें अभिनेत्री तापसी पन्नू भी शामिल हैं।
सपा में रहकर सीखा राजनीति का ककहरा
उड़ीसा में शिक्षा पूरी करने के बाद संजय सिंह अपनी जन्मभूमि सुल्तानपुर वापस आए। उन्होंने वर्ष 1994 में ही सामजिक सेवा संगठन का गठन करके सामाजिक सेवा शुरू कर दी। इसी दौरान वर्ष 1998 में सपा नेता रघु ठाकुर के संपर्क में आए संजय सिंह को समाजवादी पार्टी की जिला इकाई का अध्यक्ष बना दिया गया। उसके बाद पार्टी ने उन्हें युवजन सभा का प्रदेश सचिव बना दिया। दिल्ली पहुंचने के बाद शुरूआती दिनों में वह रेहड़ी पटरी वालों के हितों के लिए आवाज उठाते थे।
अन्ना आंदोलन के बाद संजय सिंह बने पार्टी के संस्थापक सदस्य
संजय सिंह की असल राजनीति वर्ष 2011 में शुरू हुए अन्ना आंदोलन से हुई। अरविंद केजरीवाल के संपर्क में आकर संजय सिंह ने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 26 नवंबर 2012 को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में गठित आम आदमी पार्टी के वह संस्थापक सदस्य बन गए। पार्टी के फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले संजय सिंह को जटिल से जटिल मुद्दों को बातचीत के माध्यम से आसानी हल करने में माहिर माना जाता है। इसीलिए वह पार्टी के कोर कमेटी के सदस्य हैं।
यूनीसेफ से सम्मानित हो चुके हैं संजय सिंह
संजय सिंह साल 2018 से आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। वह पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (PAC Member) के भी सदस्य हैं। उनको बाल कुपोषण, बाल तस्करी की रोकथाम, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर कार्य करने के लिए 2020 में यूनिसेफ इंडिया ने पीजीसी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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