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Mukhtar Ansari: मुख्तार का शव 20 साल तक रहेगा सुरक्षित...अफजाल अंसारी के दावे में कितना है सच...

Surya Prakash Tripathi | Updated : Apr 02 2024, 04:41 PM IST

मुख्तार की मौत के बाद उठे सवाल के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार में काफी सावधानी बरती। इसीलिए मुख्तार अंसारी के शव दफनाने में  कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। बांदा मेडिकल कालेज से बेटे उमर और बहू निकहत ने जब मुख्तार की लाश को घर लाने से लेकर, रात भर में घर में रखने से लेकर दफनाने तक बहुत ही सावधानी बरती गई।

वाराणसी। मुख्तार की मौत के बाद उठे सवाल के बाद परिवार ने अंतिम संस्कार में काफी सावधानी बरती। इसीलिए मुख्तार अंसारी के शव दफनाने में  कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। बांदा मेडिकल कालेज से बेटे उमर और बहू निकहत ने जब मुख्तार की लाश को घर लाने से लेकर, रात भर में घर में रखने से लेकर दफनाने तक बहुत ही सावधानी बरती गई। जिसमें पुलिस ने भी मदद की। जिसकी वजह अब सामने आ रही है।

मुख्तार के हर अंग का बारीकी से किया गया निरीक्षण
सांसद अफजाल अंसारी ने दावा किया है कि मुख्तार के शव को दफनाने में  ऐसी खास तकनीकी अपनाई गई है कि 20 साल बाद भी अगर जरूरत पड़ी तो नाखून, बाल की जांच हो सकती है। मौत की वजह भी खोजी जा सकती है। पोस्टमार्टम में मौत का कारण खोजने के लिए शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों- मस्तिष्क, ह्दय, लीवर, गुर्दा, फेफड़े, आंत को गहनता से परखा गया। वीडियोग्राफी भी कराई गई। हर अंग की कई प्रकार से जांच की गई। विसरा एकत्र किया गया।

तकनीकी आधार पर तैयार कराई गई कब्र
मुख्तार की लंबाई के अनुसार गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में उसकी कब्र 7.6 फीट लंबी और 5 फीट गहरी और चौड़ी रखी गई, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। इस कब्रिस्तान की देखरेख मुजावर अंसारी करते हैं। यही नहीं, शव आने पर फ्रीजर आंगन में रखा था।

सांसद भाई ने लगाया साजिश का आरोप 
अफजाल अंसारी ने कहा कि अगर हार्ट अटैक भी हुआ थो तो उसकी वजह मुख्तार अंसारी को जहर दिया जाना ही है। दावा किया है कि 19 मार्च को जहर दिया गया था। मुख्तार ने खुद न्यायालय में आरोप लगाया था कि जहर दिया जा रहा है। कोर्ट ने इसका संज्ञान भी लिया और रिपोर्ट भी मांगी। हमने जेल के अधीक्षक से इलाज के लिए कहा था और उन्होंने हमें इलाज का आश्वासन दिया था। 20 मार्च को रात में मेरी बात हुई थी, लेकिन 26 मार्च को सुबह सूचना मिली कि मुख्तार को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। यह साधारण बात नहीं है।

क्या कहते हैं फॉरेंसिक एक्सपर्ट
IMS, BHU के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि किसी भी शव को कब्र में रखने पर मांसपेशियां छह माह के भीतर गलने लगती हैं। इसके बाद हड्डी और दांत गलते हैं। इनको गलने में करीब 10 साल का समय लगता है। 

धर्मेंद्र व बलराम यादव ने मुख्तार की कब्र पर चढ़ाए फूल
मुख्तार की मौत के बाद शोक व्यक्त करने वालों की लाइन लगी है। सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव सोमवार को मोहम्मदाबाद के कालीबाग स्थित कब्रिस्तान पहुंचे। जहां मुख्तार की कब्र पर फूल चढ़ाने के बाद घर जाकर शोक जताया। 

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