8 साल के बच्चे को भी दाने निकल आए थे। खुजली होने पर परिवार के लोगों ने उसे बेनाड्रिल दवा दी थी। केंटुकी पुलिस ने बताया कि परेशान बच्चा नहा भी लिया था। कई घंटे बाद गुरुवार रात करीब 10.30 बजे परिजन उसे मेडिकल रूम से घर ले आए। अगली सुबह, लड़का अपने आप नहीं उठा।
नई दिल्ली। स्कूल में स्ट्राॅबेरी खाने से 8 साल के एक बच्चे की मौत हो गई। लड़के के परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि स्कूल के फंडरेज़र से स्ट्रॉबेरी खाने के 24 घंटों के भीतर बच्चे को एलर्जी हो गई थी। जो उसकी मौत का कारण बन गई।
केंटुकी हॉपकिंस में यह घटना घटी है। घटना के बाद, राज्य पुलिस ने नाबालिग की मौत की आधिकारिक जांच शुरू की। मैडिसनविले पुलिस विभाग के अधिकारियों को अज्ञात लड़के ने इस बारे में उन्हें सूचना दी थी। मौके पर पहुंचने पर पुलिस को पता चला कि बच्चा जवाब नहीं दे रहा था और सांस लेने में असमर्थ था। पुलिस सुबह करीब 6:30 बजे मौके पर पहुंची थी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्ट्राबेरी खाने से लड़के की मौत हो गई।
स्कूल में बांटी गई थी स्ट्राॅबेरी
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि बच्चे की मौत से जुड़ी स्ट्रॉबेरी को मैडिसनविले नॉर्थ हॉपकिंस हाई स्कूल और हॉपकिंस काउंटी सेंट्रल हाई स्कूल एथलेटिक्स के लिए धन जुटाने वालों द्वारा वितरित किया गया था।अधिकारियों का हवाला देते हुए WKYT की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि जूसी फ्रूट एलएलसी ने स्ट्रॉबेरी वितरित की।
स्ट्रॉबेरी खाने से कई लोग पड़े बीमार
स्ट्राबेरी की फसल का उत्पादन सदर्न ग्रोन और सिज़ेमोर फ़ार्म में किया गया था। लड़के की मृत्यु के बाद, जिसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के पर्यावरणविदों ने क्षेत्र से स्ट्रॉबेरी के नमूने लिए और उन्हें परीक्षण के लिए राज्य प्रयोगशाला में भेज दिया। कुछ रोगियों का इलाज करने वाले अस्पताल के एक कर्मचारी के अनुसार, उन स्ट्रॉबेरी को खाने के बाद कुछ अन्य रोगी भी बीमार पड़ गए या कम से कम अस्वस्थ हो गए।
रात में सोने के बाद सुबह नहीं उठा बच्चा
लड़के के परिवार ने पुलिस को बताया कि स्कूल के फंडरेज़र से स्ट्रॉबेरी खाने के 24 घंटों के भीतर उसे एलर्जी हो गई थी। 8 साल के बच्चे को भी दाने निकल आए थे। खुजली होने पर परिवार के लोगों ने उसे बेनाड्रिल दवा दी थी। केंटुकी पुलिस ने बताया कि परेशान बच्चा नहा भी लिया था। कई घंटे बाद गुरुवार रात करीब 10.30 बजे परिजन उसे मेडिकल रूम से घर ले आए। अगली सुबह, लड़का अपने आप नहीं उठा।
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