प्रयागराज के डीएम एवं एसएसपी की संयुक्त टीम में आठ एसडीएम, एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी एवं जनपद के दो दर्जन से ज्यादा थानेदारों की टीम के अलावा 400 के करीब सिपाहियों के साथ औचक छापा मारा गया। पौने दो घंटे तक चली छापेमारी की कार्रवाई के दौरान 100 ग्राम गांजा, 49 लाइटर, दो सूजा, चार लोहे की पॉलिश की गई सरिया, एक सरौता, पांच कैची, एक पैन ड्राइव, आठ ब्लेड, दो सुतली के अलावा सबसे अहम एक डायरी मिली है।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की जिलों से अनियमितता की तमाम वायरल वीडियो-फोटो आने के बाद जिला प्रशासन चौकन्ना है। रविवार की रात जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी व एसएसपी अतुल शर्मा ने हफ्ते भर में दूसरी बार नैनी सेंट्रेल जेल में छापा मारा। पौने दो घंटे तक चली छापेमारी की कार्रवाई के दौरान 100 ग्राम गांजा, 49 लाइटर, दो सूजा, चार लोहे की पॉलिश की गई सरिया, एक सरौता, पांच कैची, एक पैन ड्राइव, आठ ब्लेड, दो सुतली के अलावा सबसे अहम एक डायरी मिली है। जिसमें कई मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं। वो डायरी किसकी है? इसकी जांच जारी है। हालांकि कोई मोबाइल नहीं मिला है।
डीएम एवं एसएसपी की संयुक्त टीम में आठ एसडीएम, एडिशनल एसपी, डिप्टी एसपी एवं जनपद के दो दर्जन से ज्यादा थानेदारों की टीम के अलावा 400 के करीब सिपाहियों के साथ औचक छापा मारा गया। अधिकारीगण जेल में लाइट कटौती या अंधेरा होने पर ड्रैगन लाइट साथ लेकर गए थे। शाम 7.30 बजे अंदर घुसे पुलिस प्रशासनिक अफसरों की टीम रात में करीब 9.15 बजे बाहर निकले। डीएम भानूचंद्र गोस्वामी ने बताया कि जेल के अंदर प्रतिबंधित वस्तुओं की बरामदगी जरूर हुई है, लेकिन मोबाइल एक भी नहीं मिला है। प्रतिबंधित वस्तुएं जेल के अंदर जाती कैसे हैं, इस सवाल पर डीएम ने कहा कि यह चिंता का विषय है और इसके लिए जेल प्रशासन को सख्त हिदायत दी गई है। प्रतिबंधित वस्तुओं का जेल में पहुंचना ही अपने आप में चिंतनीय है। बैरक नंबर तीन में मिली डायरी किसकी है, यह अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन उसमें कई लोगों के मोबाइल नंबर जरूर लिखे हुए हैं। ये किसके हैं और क्यों है, इसकी जांच की जाएगी।
नैनी जेल में एक हफ्ते के अंदर यह दूसरी छापेमारी है। गत 30 जून की भोर में पांच बजे भी डीएम और एसएसपी की टीम ने करीब 800 पुलिस वालों के साथ मिलकर छापा मारा था। तब भी जेल में कैची, सरौता, चाकू, चिलम समेत पांच मोबाइल भी मिले थे। एक हफ्ते में दूसरी बार की गई छापेमारी से खलबली मच गई है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों झूंसी के डाक्टर से रंगदारी मांगने के प्रकरण में भी जेल के अंदर से फोन आने की बात सामने आई थी। उसी के बाद से ये छापेमारी हुई मानी जा रही है।