राजधानी लखनऊ के ट्रैफिक सिग्नल, धार्मिक स्थल, बस अड्डे व रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर एक अनुमान के मुताबिक करीब 40 हजार लोग भिक्षाटन करते हैं। नगर निगम इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहता है। इसे लेकर निगम ने प्लान तैयार किया है। घर घर कूड़ा एकत्र करने जैसे कामों में लगाकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भिक्षाटन कर रहे लोगों को अब रोजगार मिलेगा। नगर निगम राजधानी में सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षाटन करने वालों को चिन्हित करने में जुट गया है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक, अब भिखारियों को घर-घर कूड़ा बटोरने के काम पर लगाया जाएगा और इसके लिए निगम उन्हें पैसा भी मुहैया कराएगा। इसको लेकर निगम के कर्मचारियों ने भिखारियों का सर्वे भी शुरू कर दिया है।
राजधानी लखनऊ के ट्रैफिक सिग्नल, धार्मिक स्थल, बस अड्डे व रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर एक अनुमान के मुताबिक करीब 40 हजार लोग भिक्षाटन करते हैं। नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि हम भिखारियों को चिन्हित करने के लिए सर्वे करा रहे हैं। हम इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं। इसे लेकर निगम ने प्लान तैयार किया है। घर घर कूड़ा एकत्र करने जैसे कामों में लगाकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
नगर आयुक्त ने बताया कि, नगर निगम पहली बार शहर के सभी आठों जोन में भीख मांगने वालों के खिलाफ अभियान चलाएगा। इसे लेकर नगर आयुक्त ने आदेश भी जारी कर दिया है। सभी जोनल अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है कि वे अपने जोन में ट्रैफिक सिग्नलों और सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वालों पर कार्रवाई करें। वैसे अभी तक भिखारियों से संबंधित काम समाज कल्याण विभाग करता था। वही इनके लिए भिक्षुक गृह बनवाता था। नगर आयुक्त ने बताया कि भिखारियों को शेल्टर होम में रखा जाएगा। अभी ये सड़क या फुटपाथ पर सोते हैं। नगर निगम ने तकरोही में एक शेल्टर होम भिखारियों के लिए काम करने वाली संस्था को चलाने के लिए दिया है। यहां भिखारियों को रखा जा रहा है।