सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम से कहा, जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो भगवान भी नहीं बचाएगा

By Gopal K  |  First Published Jan 30, 2019, 12:31 PM IST

- विदेश जाने की अनुमित मिली। 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराने होंगे। 5, 6, 7 और 12 मार्च को आईएनएक्स-मैक्सिस केस में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने को भी कहा गया।
 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति मिल गई है। लेकिन इसके लिए कोर्ट ने कई शर्तें लगा दी हैं। पहले उन्हें 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराने होंगे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्ति चिदंबरम को 5, 6, 7 और 12 मार्च को आईएनएक्स-मैक्सिस केस में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने को भी कहा है। सीजेआई ने यह भी कहा कि आप पूर्व की तरह जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो कोर्ट को सख्त कदम उठाने पड़ेंगे। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्ति अपनी कंपनी की टेनिस प्रतियोगिता के लिए ब्रिटेन जा सकते हैं। लेकिन पहले उन्हें 10 करोड़ रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराने होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आप कानून से खेलेंगे तो आपको केवल भगवान ही बचा सकता है। हम आप पर सख्त कार्रवाई करेंगे। पूर्व में आपने जांच एजेंसी को सहयोग नहीं किया है। हमारे पास कहने को बहुत कुछ है, लेकिन हम अभी कुछ नहीं कहेंगे। अगर जांच में सहयोग न करना आपकी आदत बन गई है तो हमें सख्ती करनी पड़ेगी। 

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय से पूछा था कि आप कार्ति चिदंबरम से कब पूछताछ करना चाहते है? कोर्ट ने 30 जनवरी तक बताने को कहा था। ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नही कर रहे है। ईडी ने कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने वाली याचिका का विरोध किया था। ईडी ने यह भी कहा कि अगर कोर्ट कार्ति को विदेश जाने की अनुमति देता है तो जांच में देरी होगी। ईडी की मानें तो कार्ति 6 महीने में 51 दिन विदेश में रहे। वह अपनी स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। आईएनएक्स और एयरसेल मैक्सिस मामले में जांच पूरी करने के लिए कार्ति से पूछताछ जरूरी है। फरवरी-मार्च के बीच ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस जाने के लिए कार्ति की याचिका पर ईडी ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। 

पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि हमारे पास करने के लिए और भी काम हैं। कार्ति को फिलहाल वहीं रहने दीजिए, जहां वह हैं। इससे पहले भी एक बार चीफ जस्टिस ने विदेश जाने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि लोग विदेश आते जाते रहते है, फिलहाल देश मे ही रहें। यह मामला ऐसा नहीं है , जिस पर अर्जेंट सुनवाई की जाए। सीजेआई ने कहा था कि जजों के पास इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण केस निपटाने के लिए हैं। 

चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रहा है। जिसमें विदेश से 305 करोड़ रुपये धन प्राप्त करने के आरोप हैं। यह मामला तबका है, जब उनके पिता चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि कार्ति चिदंबरम कोर्ट से मिली विदेश यात्रा की स्वतंत्रता का स्पष्ट रूप से दुरुपयोग कर रहे है। ताकि जांच से बच सके। उधर, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील में पिता पुत्र को पहली फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दी है। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश किए गए आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी नंबर 1 बताया था। एयरसेल-मैक्सिस डील में कुल नौ आरोपियों के नाम ईडी ने शामिल किए हैं। आरोप पत्र में पी चिदंबरम पर वित्तमंत्री रहते हुए पद और दफ्तर का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।

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