लोकसभा चुनाव के बीच राजनैतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। हर कोई पार्टी प्रचार-प्रसार के जरिए जनता में अपनी पैठ बनाना चाहती है। पिछले दिनों कांग्रेस ने बीजेपी के विज्ञापन को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की तो बीजेपी ने भी कांग्रेस के विज्ञापनों पर आपत्ति जताते हुए आयोग से शिकायत की।
चुनाव आयोग ने चुनावों के बीच कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस को चुनावों के दौरान बीजेपी के खिलाफ प्रचार करना मंहगा पड़ा गया है। क्योंकि आयोग ने कांग्रेस के 9 में से 6 विडियो विज्ञापनों को खारिज कर दिया है। आयोग का कहना है कि देश में चुनाव आचार संहिता लागू है। लिहाजा इस तरह के विज्ञापनों को बंद किया जाता है।
लोकसभा चुनाव के बीच राजनैतिक दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। हर कोई पार्टी प्रचार-प्रसार के जरिए जनता में अपनी पैठ बनाना चाहती है। पिछले दिनों कांग्रेस ने बीजेपी के विज्ञापन को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत की तो बीजेपी ने भी कांग्रेस के विज्ञापनों पर आपत्ति जताते हुए आयोग से शिकायत की। अब आयोग ने कांग्रेस के 9 में से 6 विज्ञापन रद कर दिए हैं। इस बारे में चुनाव आयोग की विशेषज्ञ कमेटी ने माना कि कांग्रेस के ये वीडियो विज्ञापन आचार संहिता की भावना के खिलाफ थे।
हालांकि खारिज किए विज्ञपनों में राफेल को लेकर व्यंग्य था। कांग्रेस अपने विज्ञापन के जरिए बीजेपी सरकार को घेरना चाहती थी लेकिन आयोग का कहना है कि राफेल का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए इसे चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करना उचित नहीं होगा। गौरतलब है कि पीएम नरेन्द्र मोदी की बॉयोपिक 12 अप्रैल को जारी हो गयी है। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी। लिहाजा अब शिकायत पर संज्ञान लेते हुए फिल्म निर्माताओं से जवाब मांगा गया है।
इस मामले में चार निर्माताओं और भाजपा के महासचिव ने आयोग को अपना जवाब भेज दिया है। हालांकि आज भी सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फिल्म पर रोक लगाने से मना कर दिया है। वहीं सूचना और प्रसारण मंत्रालय को नमो टीवी मामले में जवाब देने के लिए आज तक का समय दिया गया। अगर आयोग इस जवाब से संतुष्ट होगा तो इस चैनल को शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि सभी राजनैतिक दल प्रचार प्रसार के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।